नई दिल्ली
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रस्ताव के बाद व्हाइट हाउस अमेरिकी रक्षा विभाग (Department of Defense) का नाम बदलने की संभावनाओं पर गंभीरता से विचार कर रहा है। ट्रंप चाहते हैं कि विभाग को उसके पुराने नाम 'युद्ध विभाग' (Department of War) के नाम से पुनः स्थापित किया जाए, और अब इस पर प्रशासनिक स्तर पर चर्चाएं शुरू हो चुकी हैं।
टीआरटी वर्ल्ड की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी मीडिया में यह खबर सामने आई है कि ट्रंप प्रशासन इस बदलाव को लागू करने की दिशा में ठोस कदम उठाने की योजना बना रहा है। वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस संबंध में कानूनी और संवैधानिक विकल्पों पर भी चर्चा चल रही है।
नाम बदलने के लिए कांग्रेस की मंजूरी जरूरी
चूंकि यह अमेरिका सरकार के सबसे बड़े विभागों में से एक है, इसलिए इसके नाम में बदलाव के लिए कांग्रेस की स्वीकृति अनिवार्य हो सकती है। हालांकि, व्हाइट हाउस उन वैकल्पिक उपायों की भी तलाश कर रहा है जिनसे बिना कांग्रेस की मंजूरी के यह बदलाव संभव हो सके।
फ्लोरिडा से रिपब्लिकन सांसद ग्रेग स्टब ने इस बदलाव के समर्थन में वार्षिक रक्षा नीति विधेयक (National Defense Authorization Act) में संशोधन पेश किया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि कांग्रेस के कुछ रिपब्लिकन नेता भी इस प्रस्ताव के समर्थन में हैं।
"केवल रक्षा नहीं, आक्रामकता भी ज़रूरी" – ट्रंप
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता एना केली ने कहा,
“जैसा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने पहले कहा है, हमारी सेना को सिर्फ़ रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक रूप से भी सक्षम होना चाहिए। इसी कारण वह पेंटागन में DEI (Diversity, Equity, Inclusion) जैसे ‘जागृत’ विचारों की बजाय युद्ध के लिए तैयार सैनिकों को प्राथमिकता दे रहे हैं।”
ट्रंप ने सोमवार को ओवल ऑफिस में पत्रकारों से बात करते हुए कहा:
“पहले इसे युद्ध विभाग कहा जाता था — और यह नाम कहीं ज़्यादा ताकतवर लगता था। हम सिर्फ़ बचाव नहीं चाहते, हम आक्रामकता भी चाहते हैं। जब यह 'युद्ध विभाग' था, हम हर युद्ध जीतते थे। शायद हमें फिर उसी रास्ते पर लौटने की ज़रूरत है।”
इतिहास में कब हुआ था नाम में बदलाव?
गौरतलब है कि 1947 के राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत अमेरिकी सेना, नौसेना और वायु सेना को मिलाकर एक साझा इकाई बनाई गई थी जिसे नेशनल मिलिटरी एस्टैब्लिशमेंट कहा गया। इसके दो साल बाद, 1949 में इसका नाम आधिकारिक तौर पर 'डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस' कर दिया गया, जो आज तक कायम है।
सेना की छवि में बदलाव की तैयारी
पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप और उनके सहयोगी, जैसे रक्षा सचिव पीट हेगसेथ, अमेरिका की सेना को अधिक आक्रामक छवि देने की दिशा में प्रयासरत हैं। इसके तहत वे सैन्य नेतृत्व में ऐसे बदलाव करना चाहते हैं जो उनके दृष्टिकोण से मेल खाए, खासकर वे अधिकारी जो पहले ट्रंप की नीतियों से असहमत रहे हैं।
ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका की सैन्य सोच को फिर से पुराने “युद्धकेंद्रित” दृष्टिकोण की ओर मोड़ने का प्रयास स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। यदि यह बदलाव होता है, तो यह अमेरिका की सैन्य रणनीति, वैश्विक संदेश और राजनीतिक विमर्श — तीनों पर व्यापक प्रभाव डाल सकता है।