नई दिल्ली
फ़िलिस्तीनी विदेश मंत्री वर्सेन अगाबेकियान शाहीन ने कहा है कि उन देशों द्वारा फ़िलिस्तीन को मान्यता देना एक स्थायी और व्यावहारिक कदम है, जो फ़िलिस्तीनी स्वतंत्रता और संप्रभुता को करीब लाता है।
यूके, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ने रविवार को फ़िलिस्तीन को औपचारिक रूप से एक स्वतंत्र और संप्रभु राज्य के रूप में मान्यता दी। शाहीन ने रामल्लाह में पत्रकारों से बातचीत में कहा, “अब समय आ गया है। यह मान्यता हमारे लिए प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि व्यावहारिक और स्थायी कदम है। यह द्वि-राज्य समाधान और फ़िलिस्तीनी स्वतंत्रता की सुरक्षा को मजबूत करती है।”
उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में गाजा में चल रहे इजरायली सैन्य अभियानों के बावजूद यह कदम फ़िलिस्तीनी संप्रभुता की दिशा में महत्वपूर्ण है। उन्होंने इज़राइल पर आरोप लगाया कि वह बातचीत के बजाय नए कब्ज़े और बस्तियों के विस्तार के जरिए फ़िलिस्तीनी समुदाय को अलग-थलग कर रहा है।
इज़राइल ने तीन पश्चिमी देशों द्वारा फ़िलिस्तीन को मान्यता देने की कड़ी आलोचना की है। कई इज़राइली मंत्रियों ने इसे “अप्रासंगिक” बताया और कहा कि वास्तविकता केवल सीधे वार्ता से बदलेगी। इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस महीने स्पष्ट किया था कि कभी भी फ़िलिस्तीनी राज्य का गठन नहीं होगा।
शाहीन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय दबाव को राजनीतिक से आर्थिक उपायों में बदलना जरूरी है ताकि इज़राइल को जवाबदेह ठहराया जा सके और फ़िलिस्तीनी लोगों की रक्षा की जा सके। उन्होंने गाजा में नागरिकों की हत्या और बड़े पैमाने पर तबाही का भी आरोप इज़राइल पर लगाया।
वर्तमान में, फ़्रांस और सऊदी अरब द्वि-राज्य समाधान को मजबूत करने के लिए वार्ता का नेतृत्व कर रहे हैं। इस सप्ताह संयुक्त राष्ट्र महासभा में और कई देशों द्वारा भी फ़िलिस्तीन को राज्य के रूप में मान्यता दिए जाने की संभावना है।
यह कदम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फ़िलिस्तीनी राज्य के समर्थन और दो-राज्य समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक प्रयास माना जा रहा है।