पाकिस्तानः बलूच छात्र अपहरणों के खिलाफ कक्षाओं का बहिष्कार करेंगे

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 17-03-2022
पाकिस्तानः बलूच छात्र अपहरणों के खिलाफ कक्षाओं का बहिष्कार करेंगे
पाकिस्तानः बलूच छात्र अपहरणों के खिलाफ कक्षाओं का बहिष्कार करेंगे

 

इस्लामाबाद. बलूच छात्र परिषद ने 21 मार्च को पूरे पाकिस्तान में कक्षाओं का बहिष्कार करने की घोषणा की है.

परिषद ने पूरे पाकिस्तान के छात्रों से सोमवार, 21मार्च को कक्षाओं का बहिष्कार करने का आग्रह किया, ताकि हफीज बलूच की सुरक्षित वापसी के लिए अपना विरोध दर्ज कराया जा सके. वे साथी छात्र हफीज बलूच की रिहाई की मांग कर रहे हैं, जिसे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों ने जबरन गायब कर दिया था.

स्थानीय मीडिया, द बलूचिस्तान पोस्ट ने बताया कि इसी बीच, जाहिद बलूच की बरामदगी के लिए जाहिद के जबरन गायब होने की आठवीं बरसी पर शुक्रवार, 18मार्च को शाम 4बजे क्वेटा में एक विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.

बलूच छात्र संगठन के पूर्व अध्यक्ष जाहिद बलूच की पत्नी जरजान बलूच ने एक बयान में क्वेटा में विरोध की घोषणा की.

उन्होंने कहा कि जाहिद बलूच के लापता होने के बाद से परिवार बुरी तरह प्रभावित हुआ है. जरजान ने कहा, ‘‘परिवार इस बात से बहुत चिंतित है कि वह जीवित हैं या नहीं, क्योंकि इन आठ वर्षों में हमने अदालतों से सभी राज्य संस्थानों तक दरवाजे खटखटाए हैं, लेकिन किसी ने हमारा दर्द नहीं सुना और हमें बताया भी नहीं है कि जाहिद बलूच कहां है और वह किस हालत में है?’’

सरकार और शीर्ष अदालत से अपील करते हुए जरजान बलोच ने कहा, ‘‘हम इस राज्य के नागरिक हैं और हम इसमें रह रहे हैं. क्या हमें नागरिकों के रूप में यह जानने का अधिकार नहीं है कि जाहिद सुरक्षित है या नहीं? अगर कोई मामला जाहिद के खिलाफ है और वह किसी भी अपराध में शामिल है, तो उसे अदालत में पेश किया जाना चाहिए और पाकिस्तान के कानून के अनुसार दंडित किया जाना चाहिए.’’

जरजान बलोच ने आगे कहा, ‘‘हम जाहिद बलूच के जबरन गायब होने पर चुप नहीं रहेंगे. जाहिद बलूच को प्रकाश में लाया जाना चाहिए और हमें नागरिकों के रूप में न्याय प्रदान किया जाना चाहिए. हम सरकार और राज्य संस्थानों से जाहिद को प्रकाश में लाने और हमें इस पीड़ा से बचाने की अपील करते हैं.’’

पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग (एचआरसीपी) ने पहले बलूचिस्तान और बाकी पाकिस्तान में जबरन गायब होने की एक ताजा लहर की रिपोर्ट पर चिंता व्यक्त की थी, जिसमें हाल ही में इस्लामाबाद विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर छात्र हफीज बलूच भी शामिल था.

जानकारों का मानना है कि लापता लोगों की मौत हो सकती है, उनके क्षत-विक्षत शवों को खाई में फेंक दिया गया. उन्हें नजरबंद किया जा सकता है, संदिग्ध वैधता के किसी निरोध केंद्र में बंद किया जा सकता है.