भारत को अब इमरान खान ने भी दिया वार्ता का प्रस्ताव

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 06-02-2021
भारत को अब  इमरान खान ने भी दिया वार्ता का प्रस्ताव
भारत को अब इमरान खान ने भी दिया वार्ता का प्रस्ताव

 

मलिक असगर हाशमी / नई दिल्ली

पाकिस्तानी सेनाध्यक्ष कमर जावेद बाजवा के बाद अब प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत से सौहार्दपूर्ण बातचीत की वकालत की है. हालांकि एक दिन पहले ही कश्मीर से सरहद पर पाकिस्तान की ओर से सीज फायर के उल्लंघन की खबर आई थी. पिछले एक वर्ष में पाकिस्तान ने रिकॉर्ड चार हजार से अधिक बार सीज फायर की घटना अंजाम दिया है.

आर्थिक तंगी झेल रहे तथा ग्रे लिस्ट से ब्लैक लिस्ट में जाने के खतरों के बीच झूल रहे पाकिस्तान के अचानक भारत से बेहतर रिश्ते की दुहाई देने को अंतरराष्ट्रीय मुसीबत से उबरने की कड़ी के तौर पर देखा जा रहा है.

 

तकरीबन दो वर्ष पहले पाकिस्तान में पलने वाले आतंकवादियों द्वारा पुलवामा में अर्धसैनिक बलों के 40 से अधिक जवानों को शहीद करने के बाद भारत उसे न केवल हर मोर्चे पर जवाब दे रहा है, बल्कि उसके लिए आयात, निर्यात पर पाबंदी के बाद उसकी आर्थिक स्थिति को भी गहरा झटका दिया है.

 

बाजवा के बयान के दो दिन बाद आए एक बाद एक चार ट्वीट को देखकर लगता है कि यदि उसने पड़ोसी देश भारत की ओर दोस्ती का हाथ नहीं बढ़ाया, तो जल्द ही पाकिस्तान का दिवाला पिट सकता है.

 

उधर 11 विपक्षी दलों का संयुक्त मोर्चा भी इमरान सरकार पर निरंतर दबाव बनाए हुए है. 26 फरवरी को पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट की ओर से बड़े आंदोलन का ऐलान भी किया गया है.

 

बहरहाल, उर्दू और अंग्रेजी में ट्वीट कर इमरान खान ने कहा है, ”अगर भारत अक्वामुत्तहद के सलामती काउंसिल की रोशनी में तनाज कश्मीर के मुंसिफना हल में संजीदगी दिखाए, तो पाकिस्तान अमन की खातिर दो कदम आगे बढ़ने को तैयार है. मगर अमन और अस्तहकम की हमारी यह ख्वाहिश किसी को गलतफहमी में न डाले, न ही इसे  हमारी कमजोरी की अलामत में शुमार किया जाए.“

 

एक अन्य ट्वीट में इमरान खान ने कहा है, “बतौर कौम हमारी कूवत और एतमाद का नतीजा है कि हम अहले कश्मीर की जायज मांगों के मुताबिक मामले के मांसफना हल के लिए गैर मामूली काविश के लिए आमादा हैं.“

 

इमरान के इन बयान को देखकर लगता है कि वह भारत के आगे झुकने को भी तैयार हैं और पाकिस्तानी अवाम के बीच भरम बनाए रखना भी चाहते हैं. यानी ”साफ छुपते भी नहीं सामने आते भी नहीं.“

 

हालांकि पाक सेनाध्यक्ष कमर जावेद बाजवा के बयान के तुरंत बाद ही भारत के विदेश मंत्रालय ने अपने साप्ताहिक ब्रीफिंग के दौरान स्पष्ट कर दिया था कि भारत पाकिस्तान से तभी बात करेगा, जब आतंकवादी गतिविधियों में शामिल उसकी गतिविधियां खत्म होंगी. वैसे पाकिस्तान के बातचीत की मंशा का भारत स्वागत कर चुका है.