आवाज द वॉयस /गुरुग्राम
पाकिस्तान के नए सेनाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल आसिम मुनीर दरअसल, पुलवामा आतंकी हमले के असली सूत्रधार हैं. यह कहना है राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (एनएसएबी) के सदस्य और कैबिनेट सचिवालय के विशेष सचिव के तौर पर सेवानिवृत्त तिलक देवेशर का.
उनके के अनुसार, मुनीर पाकिस्तान के उन लोगों में शुमार हैं, जिन्होंने 2019के पुलवामा आतंकी हमले की निगरानी की थी. यह हमला उनकी देख-रेख में अंजाम दिया गया था. तब मुनीर आईएसआई के महानिदेशक थे. 14फरवरी 2019को हुए इस आतंकी हमले में अर्ध सेना के 40जवान शहीद हुए थे.
तिलक देवेशर के अनुसार,मुनीर ने भारत में कब्जे वाले कश्मीर के क्षेत्रों में सेवाएं दी हैं. वह इस क्षेत्र से अच्छी तरह वाकिफ हैं.देवाशर ने एक साक्षात्कार में बताया कि पुलवामा आत्मघाती हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया. लेफ्टिनेंट जनरल मुनीर 61वर्षीय बाजवा के स्थान पर पाकिस्तान के थल सेनाध्यक्ष (सीओएएस) के रूप में कार्यभार संभालने वाले हैं. बाजवा 29नवंबर को सेवानिवृत्त होंगे.
जनरल मुनीर के पाकिस्तान के नए सेना प्रमुख बनने पर देवाशेर ने कहा, पाकिस्तान का कोई भी सेना प्रमुख भारत के प्रति मित्रवत नहीं रहा, इसलिए असीम मुनीर पुराने ढांचे को नहीं तोड़ने वाले. भारत के प्रति वह कट्टर रुख अपनाते रहेंगे.
देवाशेर ने कहा, अगर पाकिस्तान में समस्या बढ़ी तो इस बात की पूरी संभावना है कि भारत को तैयार रहना चाहिए. हमें सावधान रहने की जरूरत है.भारत इस घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहा है. पाकिस्तानी सेना प्रमुख से इस्लामाबाद-नई दिल्ली संबंधों के साथ सदाबहार सहयोगी चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रति पाकिस्तान की नीतियों पर सरकार के रुख को प्रभावित करने की उम्मीद है.
पाकिस्तान को हाल ही में वैश्विक मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण निगरानी संस्था, फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की निगरानी सूची से हटा दिया गया है. देश अत्यंत अनिश्चित आर्थिक स्थिति से गुजर रहा है.
जानकारों की मानें तो तनाव को जिंदा रखने के लिए पाकिस्तान हमेशा से भारत के खिलाफ आतंकी हमलों का सहारा लेता रहा है. वैसे, वह भारत के खिलाफ कुछ करने का जोखिम नहीं उठाएगा . भारत ने अतीत में जो कड़ी प्रतिक्रिया दिखाई है, उसे देखते हुए कि यदि आप कुछ भी करते हैं तो हम उन्हें मारेंगे. उन्हें (लेफ्टिनेंट जनरल मुनीर) अपने कदमों को बहुत सावधानी से रखना होगा.
पाकिस्तान पर तीन किताबें लिखने वाले देवाशेर के अनुसार, हमें निश्चित रूप से बहुत सावधान रहना है.लेफ्टिनेंट जनरल मुनीर ने मिलिट्री इंटेलिजेंस के प्रमुख और पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस के प्रमुख के रूप में काम कर चुके हैं. उन्होंने 2017से 21महीनों की अवधि के लिए सैन्य खुफिया प्रमुख के पद पर कार्य किया.
अक्टूबर 2018 में वह आईएसआई के महानिदेशक बने, लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान के कहने पर बाजवा ने उन्हें पद से हटा दिया था. विशेष रूप से, खान ने इस साल की शुरुआत में सेना को उनके निष्कासन में भूमिका निभाने के लिए दोषी ठहराया है.
देवाशेर के अनुसार, पाकिस्तान में पीएमएल (एन) सरकार के शासनकाल के दौरान सशस्त्र बलों में वरिष्ठता का पालन किए बिना चार या पांच सेना प्रमुख नियुक्त किए गए हैं.शरीफ ने सेना के सबसे वरिष्ठ को चुना है. उम्मीद है कि चीजें सुचारू होंगी. इसलिए, हमें इंतजार करना होगा.
इससे पहले आज पाकिस्तान की सूचना और प्रसारण मंत्री मरियम औरंगजेब ने एक ट्वीट के जरिए लेफ्टिनेंट जनरल मुनीर के सेना अध्यक्ष चुने जाने की पुष्टि की . उन्होंने लेफ्टिनेंट जनरल साहिर शमशाद मिर्जा को पाकिस्तान के संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त करने की भी घोषणा की.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री मोहम्मद शाहबाज शरीफ ने लेफ्टिनेंट जनरल साहिर शमशाद मिर्जा को संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष के रूप में और लेफ्टिनेंट जनरल सैयद असीम मुनीर को संवैधानिक अधिकार का उपयोग करते हुए सेना प्रमुख के रूप में नियुक्त करने का फैसला किया है.
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