जनरल असीम मुनीर होंगे पाकिस्तान के अगले आर्मी चीफ, भारत की रहेगी खास नजर

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] • 1 Years ago
जनरल असीम मुनीर होंगे पाकिस्तान के अगले आर्मी चीफ, भारत की रहेगी खास नजर
जनरल असीम मुनीर होंगे पाकिस्तान के अगले आर्मी चीफ, भारत की रहेगी खास नजर

 

मलिक असगर हाशमी/नई दिल्ली

आखिरकार असमंजस की घड़ी खत्म हुई. पाकिस्तान के नए सेना अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर गुरुवार सुबह शहबाज शरीफ मंत्रिमंडल की बैठक में जनरल कमर जावेद बाजवा की जगह जनरल असीम मुनीर को पाकिस्तान का अगला आर्मी चीफ स्टाफ नियुक्त करने का निर्णय लिया गया .

इसके अलावा जनरल साहिर शमशाद मिर्जा ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं. पाकिस्तान के नए आर्मी चीफ चूंकि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई एवं मिलिट्री इंटेलिजेंस में खासा समय बिता चुके हैं, इसलिए भारत की उनकी गतिविधियों पर खास नजर रहेगी.

भारत कई बार अंतरराश्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी और आतंकवादियों के गठजोड़ का मुद्दा उठा चुका है. इस लिए भी मुनीर की नियुक्ति अहम हो जाती है. साथ ही कमर जावेद बावजा की पहल पर भारत-पाकिस्तान सीमा पर सीजफायर उल्लंघन को लेकर जो समझौता हुआ था, वह नए सेना अध्यक्ष के कार्यकाल में कायम रहता है अथवा नहीं, यह देखना भी अहम होगा.

बहरहाल, गुरुवार को रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बताया कि इन नियुक्तियों का सारांश प्रेसीडेंसी को भेज दिया गया है.इससे पहले अपने ट्वीट में उप सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने पुष्टि की कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने जनरल असीम मुनीर को सेना प्रमुख और जनरल साहिर शमशाद मिर्जा को ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त करने का फैसला किया है.

प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने संघीय कैबिनेट की बैठक में संघीय कैबिनेट के साथ संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी और चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ के अध्यक्ष की नियुक्ति के संबंध में परामर्श किया, जबकि अन्य मुद्दों को भी मंजूरी दी गई.

संघीय रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक ट्वीट में कहा है कि सलाह राष्ट्रपति अल्वी के पास भेज दी गई है.अब इमरान खान की परीक्षा है कि वह राष्ट्रीय रक्षा की संस्था को मजबूत करना चाहते हैं या नहीं. यह राष्ट्रपति अल्वी के लिए भी परीक्षण की घड़ी है. अल्वी इमरान खान पार्टी के करीबी हैं.

गौरतलब हो कि सेना प्रमुख की नियुक्ति का सारांश जीएचक्यू से रक्षा मंत्रालय को मंगलवार से बुधवार रात के बीच भेजा गया था, जो बाद में प्रधानमंत्री कार्यालय को मिला . जानकारी के मुताबिक, 6सीनियर लेफ्टिनेंट जनरलों के नाम वाली एक समरी भेजी गई थी.

गुरुवार को, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में संघीय कैबिनेट की बैठक में अध्यक्ष ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी और चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ की नियुक्तियों के संबंध में संघीय कैबिनेट से परामर्श किया गया.

कौन हैं जनरल असीम मुनीर ?

रावलपिंडी के ढेरी हसनाबाद इलाके के रहने वाले जनरल असीम मुनीर पाकिस्तानी सेना के उन अधिकारियों में से एक हैं जो ऑफिसर ट्रेनिंग स्कूल (ओटीएस) के जरिए सेना के अधिकारी बने. वह मंगला के 17वें ओटीएस कोर्स से हैं.

जनरल असीम मुनीर एक योग्य छात्र थे. जब वे 1974में मदरसे में कुरान कंठस्थ करने आए, तब मात्र दो वर्षों के भीतर कुरान कंठस्थ कर लिया .यह बात जंग ग्रुप से जुड़े वरिष्ठ पत्रकार हाफिज ताहिर खलील ने बताया. उनके मुताबिक, उनके पिता हाफिज खलील अहमद जनरल असीम मुनीर के गुरु थे.

जनरल असीम मुनीर के पिता सैयद सरवर मुनीर रावलपिंडी के लाल कार्ति इलाके के एक स्कूल के प्रिंसिपल थे. उन्होंने अपने पड़ोस में एक मस्जिद बनवाई जहां हाफिज खलील कुरान पढ़ाने जाया करते थे.अहल-ए-मोहल्ला के अनुसार जनरल असीम मुनीर का परिवार ‘हफाज का परिवार’ के नाम से प्रसिद्ध था. उनके दो भाई कासिम मुनीर और हाशिम मुनीर भी हाफिज-ए-कुरान हैं.

हाफिज ताहिर खलील का कहना है, मेरे पिता और जनरल असीम के पिता करीबी दोस्त थे. दोनों ने अपने बच्चों को स्कूल भेजने से पहले कुरान कंठस्थ कराने का फैसला किया था. यही वजह है कि जनरल आसिम ने पवित्र कुरान को पूरा कर स्कूल में प्रवेश किया.

जनरल असीम मुनीर को फ्रंटियर फोर्स रेजीमेंट की 23वीं बटालियन में कमीशन दिया गया था. वह अपनी पदोन्नति और वर्तमान पोस्टिंग से पहले जीएचक्यू में क्वार्टर मास्टर जनरल के रूप में तैनात तीन सितारा जनरल थे.

उन्हें सितंबर 2018में लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर पदोन्नत किया गया था. फिर 27नवंबर 2018को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाला.आईएसआई प्रमुख के रूप में उनका कार्यकाल इतिहास में सबसे छोटा माना जाता है. महज नौ महीने के बाद उन्हें 2019में अचानक कोर कमांडर गुजरांवाला के रूप में तैनात कर दिया गया था.

इससे पहले उन्होंने डीजी मिलिट्री इंटेलिजेंस और फोर्स कमांडर उत्तरी क्षेत्र के रूप में भी काम किया. इसके अलावा वह सऊदी अरब में बतौर लेफ्टिनेंट कर्नल भी काम कर चुके हैं.

कौन हैं जनरल साहिर शमशाद मिर्जा ?

साहिर शमशाद मिर्जा, पीएमए काकुल से पास आउट हैं. 76सिंध रेजिमेंट के साथ अपना सैन्य करियर शुरू किया . अध्यक्ष ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी बनने से पहले पाकिस्तान सेना की सबसे सक्रिय दस कोर के कमांडर थे.

उन्होंने चीफ ऑफ जनरल स्टाफ, डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन और पाकिस्तानी सेना के एडजुटेंट जनरल के रूप में भी काम किया है.डीजी मिलिट्री ऑपरेशन और चीफ ऑफ जनरल स्टाफ के रूप में जनरल साहिर शमशाद मिर्जा ने देश स्तर पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई हैं.

व्यावहारिक रूप से सेना के सेकंड-इन-कमांड की भूमिका में भी रहे हैं. उनकी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के खिलाफ सफल युद्ध, अफगानिस्तान मुद्दे को हल करने के लिए तालिबान-अमेरिका वार्ता और चीन और अमेरिका के साथ रणनीतिक चर्चा में भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है.