नेतन्याहू ने सात अक्टूबर को हुए हमले की जांच की निगरानी सरकार को सौंपी, इजराइल में आक्रोश

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 17-11-2025
Netanyahu handed over the investigation of the October 7 attack to the government, sparking outrage in Israel.
Netanyahu handed over the investigation of the October 7 attack to the government, sparking outrage in Israel.

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
 इजराइल सरकार सात अक्टूबर, 2023 को हुए हमास के हमले के लिए सरकार की विफलताओं की जांच शुरू करने पर सहमत हो गई है।
 
हमास के हमले के बाद गाजा में युद्ध की शुरुआत हुई थी।
 
हालांकि जांच की स्वतंत्रता पर उठे सवालों के बीच सोमवार को आरोप लगे कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू इजराइल के इतिहास के सबसे भीषण हमले की व्यक्तिगत जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रहे हैं।
 
इजराइल ने एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में एक स्वतंत्र जांच आयोग नियुक्त किया है।
 
नेतन्याहू ने सात अक्टूबर की विफलताओं की जांच की मांग का विरोध किया था और केवल इतना कहा था कि युद्ध समाप्त होने पर वह सभी सवालों के जवाब देंगे।
 
उन्होंने रविवार के फैसले में कहा कि 10 अक्टूबर से लागू हुआ युद्धविराम सरकार को जांच शुरू करने की अनुमति देता है।
 
नेतन्याहू के मंत्रिमंडल ने एक ‘सरकारी समिति’ के गठन को मंजूरी दे दी है। नेतन्याहू जांच करने वाली टीम के गठन की देखरेख करेंगे, जिससे वह वास्तव में जांच के प्रभारी बन जाएंगे।
 
जांच के बारे में अधिक जानकारी 45 दिनों में घोषित की जाएगी।
 
इजराइल के विपक्षी नेता यायर लापिड ने इस फैसले को सात अक्टूबर के पीड़ितों और युद्ध में शहीद हुए सैकड़ों सैनिकों का अपमान करार दिया। लापिड ने कहा, “सरकार सच्चाई से भागने और जिम्मेदारी से बचने की हरसंभव कोशिश कर रही है।”
 
नेतन्याहू की आलोचना करने वाले ‘मूवमेंट फॉर क्वालिटी गवर्नमेंट इन इजराइल’ ने कहा कि सरकार “एक आयोग का गठन कर रही है जो अपनी जांच करेगा। यह कोई जांच आयोग नहीं है, यह एक पर्दा डालने वाला आयोग है”।
 
सात अक्टूबर को हुए हमले में हमास के उग्रवादियों ने लगभग 1,200 लोगों की हत्या कर दी थी और 250 से ज्यादा लोगों को बंधक बना लिया था।
 
तब से अब तक लड़ाई में लगभग 500 सैनिक मारे जा चुके हैं, जबकि फलस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि हमास के खिलाफ इजराइल के जवाबी हमले में 69,000 से ज्यादा फलस्तीनी मारे गए हैं।