दुबई
नोबेल शांति पुरस्कार विजेता नरगिस मोहम्मदी ने दावा किया है कि ईरान की सुरक्षा एजेंसियों की ओर से उनकी जान को खतरा है। यह खतरा उस समय और बढ़ गया जब हाल ही में ईरान और इज़राइल के बीच युद्ध की स्थिति बनी। यह जानकारी नॉर्वे की नोबेल समिति और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने साझा की है।
नोबेल समिति के मुताबिक, मोहम्मदी ने बताया कि उन्हें प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर जान से मारने की धमकियाँ मिल रही हैं — ये धमकियाँ उनके वकील और अन्य माध्यमों से उन तक पहुँची हैं। इसकी वजह है कि उन्होंने ईरान की इस्लामी व्यवस्था, महिला अधिकारों और मानवाधिकार हनन जैसे मुद्दों पर खुलेआम बयान देना जारी रखा है।
नोबेल समिति ने कहा,"मोहम्मदी के शब्दों में, उन्हें शासन के एजेंटों द्वारा 'शारीरिक रूप से समाप्त' करने की धमकी दी गई है। यह सीधा और स्पष्ट संदेश है।"
फ्री नरगिस गठबंधन की संचालन समिति — जो मोहम्मदी की रिहाई और सुरक्षा के लिए कार्यरत है — ने आरोप लगाया कि ये धमकियाँ ईरान के खुफिया मंत्रालय से आ रही हैं।
अब तक ईरान सरकार ने इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। वहीं, संयुक्त राष्ट्र में ईरान के स्थायी मिशन (न्यूयॉर्क) ने भी इस पर टिप्पणी के अनुरोध का जवाब नहीं दिया है।
नरगिस मोहम्मदी ईरान में महिलाओं के अधिकार और लोकतंत्र की आवाज़ उठाने वाली सबसे प्रमुख चेहरों में से एक हैं और अपनी साहसिक पत्रकारिता और सक्रियता के लिए उन्हें 2023 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।