मुहम्मद सोहेल अफरीदी बने खैबर पख्तूनख्वा के नए मुख्यमंत्री, विपक्ष ने किया बहिर्गमन

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 13-10-2025
Muhammad Sohail Afridi becomes new Chief Minister of Khyber Pakhtunkhwa, opposition walks out
Muhammad Sohail Afridi becomes new Chief Minister of Khyber Pakhtunkhwa, opposition walks out

 

इस्लामाबाद

खैबर पख्तूनख्वा में राजनीतिक हलचल के बीच मुहम्मद सोहेल अफरीदी को प्रांतीय विधानसभा का नया मुख्यमंत्री चुन लिया गया है। उन्हें कुल 90 विधायकों का समर्थन मिला, जबकि विपक्षी दलों ने चुनाव प्रक्रिया का विरोध करते हुए विधानसभा से बहिर्गमन किया।

अध्यक्ष ने दी प्रक्रिया को संवैधानिक करार

विधानसभा की अध्यक्षता कर रहे अध्यक्ष बाबर सलीम स्वाति ने कहा कि चुनाव की प्रक्रिया संविधान के तहत पूरी की गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि विपक्ष के पास अपनी मजबूरियाँ हो सकती हैं, लेकिन वे इस प्रक्रिया का हिस्सा रहे हैं। अध्यक्ष ने बताया, “सोहेल अफरीदी को कुल 90 वोट मिले हैं।”

सोहेल अफरीदी का बयान: मेहनत से पहुँचा हूँ यहाँ तक

मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद सोहेल अफरीदी ने कहा, “मैं फिसलकर मुख्यमंत्री नहीं बना, मैंने कड़ी मेहनत की है। जनता की सेवा मेरी प्राथमिकता है।”

इस्तीफे को लेकर विवाद, विपक्ष ने बताया प्रक्रिया गैरकानूनी

इससे पहले, मुख्यमंत्री अली अमीन गंदापुर द्वारा दो बार दिए गए इस्तीफों को लेकर विवाद खड़ा हो गया। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि दोनों इस्तीफों पर अली अमीन के हस्ताक्षर थे और उन्हें संविधान के अनुच्छेद 130(8) के तहत स्वीकार किया गया है।

हालांकि, विपक्ष के नेता डॉ. इबादुल्लाह ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा, “जब तक एक मुख्यमंत्री का इस्तीफा स्वीकार नहीं होता, तब तक दूसरा चुना नहीं जा सकता। यह प्रक्रिया पूरी तरह से असंवैधानिक है।” इसी के चलते उन्होंने बहिर्गमन की घोषणा की।

अध्यक्ष की चेतावनी और विपक्ष का विरोध

सत्र के दौरान अध्यक्ष बाबर सलीम स्वाति ने कहा कि कुछ लोग चाहते हैं कि सोहेल अफरीदी मुख्यमंत्री न बनें, लेकिन संविधान लोगों की इच्छा से नहीं बल्कि नियमों से चलता है। उन्होंने कहा, “मैं सभी को निष्कासित करने के लिए मजबूर न किया जाऊँ, सबको बोलने का अधिकार है लेकिन शांति बनाए रखें।”

डॉ. इबादुल्लाह ने भी सवाल उठाए कि अगर अली अमीन का प्रदर्शन अच्छा था, तो उन्हें हटाया क्यों गया? उन्होंने कहा, “हम किसी असंवैधानिक कदम का हिस्सा नहीं बनना चाहते। मुख्यमंत्री का चुनाव कुछ दिन बाद भी हो सकता था।”

अली अमीन गंदापुर का बयान: अब बहुत हो गया

पूर्व मुख्यमंत्री अली अमीन गंदापुर ने भी सदन में भावुक होकर कहा कि विपक्ष के क्षेत्रों में विकास के लिए धन नहीं दिया गया। उन्होंने कहा, “हम संस्थापक पीटीआई के साथ मजबूती से खड़े हैं। अब बहुत हो गया। हमें आतंकवाद और आर्थिक संकट जैसी बड़ी चुनौतियों पर ध्यान देना चाहिए।”

चार उम्मीदवार मैदान में, बहुमत से अफरीदी की जीत

मुख्यमंत्री पद के लिए चार उम्मीदवार मैदान में थे:

  • **सोहेल अफरीदी (पीटीआई)

  • मौलाना लुत्फुर रहमान (जेयूआई-एफ)

  • सरदार शाहजहाँ यूसुफ (पीएमएल-एन)

  • अरबाब ज़राक खान (पीपीपी)**

विधानसभा में कुल 145 सदस्य हैं, जिनमें से 93 सरकार पक्ष से और 52 विपक्ष से हैं। मुख्यमंत्री चुने जाने के लिए 73 वोटों की आवश्यकता थी, जबकि सोहेल अफरीदी को 90 मत मिले।

सोहेल अफरीदी की जीत के साथ ही खैबर पख्तूनख्वा को नया मुख्यमंत्री मिल गया है, लेकिन विपक्ष की नाराज़गी और बहिर्गमन ने इस चुनाव को विवादास्पद बना दिया है। अब देखना यह है कि नई सरकार इन चुनौतियों से कैसे निपटती है।