टोक्यो. जापानी खुफिया एजेंसी ने चीन से उत्पन्न होने वाले आर्थिक सुरक्षा खतरों की चेतावनी दी है. चीन ऐसी तकनीक हासिल करने की ओर अग्रसर है, जिसका उपयोग जापानी फर्मों को कब्जाने और प्रतिभाशाली मानव संसाधनों की भर्ती जैसे कई उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है.
पिछले हफ्ते जारी एक वार्षिक रिपोर्ट में, जापानी एजेंसी ने कहा, ‘एक चिंता है कि चीन (जापानी) कंपनियों को कब्जाने और उन्नत विशेषज्ञता के साथ मानव संसाधनों को आमंत्रित करने पर काम करना जारी रखेगा.’
जापान टाइम्स ने बताया कि चीनी कंपनियों के सेमीकंडक्टर क्षेत्र और अन्य क्षेत्रों में जापानी कंपनियों में निवेश करने या हासिल करने का प्रयास करने के उदाहरण हैं.
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि जापानी शोधकर्ता चीन के ‘हजार प्रतिभा कार्यक्रम’ में भाग ले रहे हैं, ताकि विदेशों से प्रतिभाशाली लोगों को प्रचुर मात्रा में धन के साथ भर्ती किया जा सके.
इस महत्वाकांक्षी योजना का उद्देश्य विदेशों से वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को आकर्षित करना है.
2008से, इस योजना के माध्यम से, चीन ने अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, सिंगापुर, कनाडा, जापान, ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस सहित देशों के शोधकर्ताओं की भर्ती की है. यह ऐसे समय में आया है, जब बीजिंग को लंबे समय से हैकिंग और बौद्धिक संपदा की चोरी में शामिल होने का संदेह रहा है.
जापानी एजेंसी ने कहा कि उनकी कंपनियों से गोपनीय जानकारी चुराने के उद्देश्य से कई साइबर हमले हुए हैं. एजेंसी ने कहा कि जापान और विदेशों में साइबर हमले अधिक सामान्य और परिष्कृत होते जा रहे हैं.
यह आगे चीन, रूस और उत्तर कोरिया जैसे देशों से साइबर हमले की संभावना पर आगाह करता है. इसमें कहा गया है कि साइबर हमले के खतरे और गंभीर होते जा रहे हैं.