नई दिल्ली
घिरे हुए फ़िलिस्तीनी गाज़ा पट्टी में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। गाज़ा शहर के बाहरी इलाके सबरा क्षेत्र में इज़राइली टैंकों की तैनाती देखी गई है। यह इलाका जैतून पड़ोस के पास है, जहाँ कई हफ़्तों से इज़राइली सेना डेरा डाले हुए है।
अल-जज़ीरा द्वारा 23 अगस्त को जारी वीडियो में साफ़ दिखा कि इज़राइली टैंक सबरा में बड़े हमले की तैयारी में खड़े हैं। इज़राइली रक्षा बल (IDF) ने भी स्वीकार किया है कि वह गाज़ा शहर पर कब्ज़े की योजना बना रहा है और इसके तहत पिछले कुछ दिनों से बाहरी इलाकों में अभियान चला रहा है।
सूत्रों के मुताबिक़, गाज़ा पर बड़े हमले से पहले इज़राइल ने 60,000 रिज़र्व सैनिकों की तैनाती की है। इनमें से हज़ारों सैनिक 2 सितंबर से शामिल होंगे। माना जा रहा है कि अगले हफ़्ते गाज़ा शहर पर निर्णायक हमला शुरू हो सकता है।
इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर अपनी सरकार बचाने के लिए गाज़ा पर कब्ज़ा करने का दबाव है। इज़राइली अख़बार डेली मारिव के अनुसार, नेतन्याहू ‘गिदोन चैरियट-2’ नामक नए सैन्य अभियान पर ज़ोर दे रहे हैं। अख़बार ने एक सैन्य सूत्र के हवाले से लिखा—
“नेतन्याहू जानते हैं कि इस अभियान के बिना उनकी सरकार गिर जाएगी।”
इस बीच, कट्टरपंथी नेता इतामार बेन-गिवर और बेज़ेल स्मोरिच, जो नेतन्याहू की गठबंधन सरकार का हिस्सा हैं, ने इस्तीफ़े की धमकी दी है। उनका कहना है कि अगर गाज़ा शहर पर हमला और गाज़ा पट्टी पर कब्ज़ा नहीं किया गया, तो वे सरकार से अलग हो जाएँगे।
दोनों नेताओं के उकसावे के चलते गाज़ा में युद्ध पिछले 23 महीनों से जारी है और हालात दिन-प्रतिदिन गंभीर होते जा रहे हैं।