ढाका
पाकिस्तान के विदेश मंत्री और उप प्रधानमंत्री इशाक डार शनिवार को ढाका पहुंचे और आगमन के कुछ ही घंटों बाद उन्होंने बांग्लादेश की कई राजनीतिक पार्टियों के नेताओं से लगातार मुलाकात की। इस दौरे का उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को नई गति देना है।
डार ने पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) और देश की सबसे बड़ी इस्लामी पार्टी जमात-ए-इस्लामी के नेताओं से बातचीत की। इसके अलावा उन्होंने हाल ही में अंतरिम सरकार प्रमुख प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस के समर्थन से गठित छात्र-आधारित नेशनल सिटीजन पार्टी (NCP) के नेताओं से भी मुलाकात की।
बीएनपी के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर के नेतृत्व में छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तानी दूतावास में डार से मुलाकात की। बीएनपी नेता शमा ओबायद ने बताया कि बातचीत का मुख्य विषय द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना था। इसमें दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) को पुनर्जीवित करने पर भी चर्चा हुई।
शाम को पाकिस्तानी राजदूत के आवास पर बीएनपी नेताओं के साथ रात्रिभोज आयोजित किया गया। इसके बाद जमात-ए-इस्लामी के नेता अब्दुल्ला मोहम्मद ताहिर ने भी डार से मुलाकात की। जब मीडिया ने 1971 की जंग से जुड़े मुद्दों पर सवाल किया, तो ताहिर ने कहा, “ये मामले दोनों सरकारों के बीच बातचीत से सुलझाए जाने चाहिए।”
वहीं, एनसीपी के वरिष्ठ नेता अख्तर हुसैन ने कहा कि उन्होंने बैठक में पाकिस्तान से 1971 के नरसंहार और अत्याचारों के लिए माफी की मांग उठाई। उनका कहना था कि द्विपक्षीय संबंध मजबूत करने के लिए पाकिस्तान को इस मुद्दे का समाधान करना होगा।
डार ने बाद में प्रेस वार्ता में कहा कि पाकिस्तान सभी हितधारकों—सरकार, राजनीतिक दलों, शिक्षा जगत, सिविल सोसायटी, मीडिया और युवाओं—के साथ मिलकर साझा लक्ष्यों, शांति, प्रगति और समृद्धि की दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने SAARC को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
डार ने कहा, “हमें ऐसा माहौल बनाना होगा जिसमें कराची से चिटगांव, क्वेटा से राजशाही, पेशावर से सिलहट और लाहौर से ढाका तक के युवा मिलकर चुनौतियों का सामना करें और अपने साझा सपनों को साकार करें।”
इशाक डार 2012 के बाद बांग्लादेश आने वाले पाकिस्तान के सबसे वरिष्ठ नेता हैं। इससे पहले नवंबर 2012 में तत्कालीन विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने ढाका का दौरा किया था।
डार रविवार को अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस और विदेश मामलों के सलाहकार तौहिस हुसैन से भी मुलाकात करेंगे। इसके अलावा उनकी योजना बीएनपी प्रमुख खालिदा जिया से भी उनके आवास पर मुलाकात करने की है।
दोनों देशों के बीच आधा दर्जन से अधिक समझौते और MoU साइन होने की संभावना है। इनमें राजनयिक पासपोर्टधारकों के लिए वीजा छूट, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, विदेश सेवा अकादमियों के बीच सहयोग, संयुक्त व्यापार और निवेश समूह तथा रणनीतिक अध्ययन और सरकारी समाचार एजेंसियों के बीच समझौते शामिल हैं।
इसके अलावा गुणवत्ता नियंत्रण संस्थानों—बांग्लादेश BSTI और पाकिस्तान की हलक़ा अथॉरिटी—के बीच तथा कृषि अनुसंधान संस्थानों के बीच सहयोग पर भी चर्चा चल रही है।
गौरतलब है कि शेख हसीना की अवामी लीग सरकार के दौरान ढाका-इस्लामाबाद संबंध बेहद तल्ख रहे थे, खासकर जब 2010 में उन्होंने 1971 युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सैनिकों के सहयोगियों के खिलाफ मुकदमे शुरू किए।
लेकिन 5 अगस्त 2024 को छात्र-नेतृत्व वाले आंदोलन ने हसीना सरकार को अपदस्थ कर दिया और तीन दिन बाद मोहम्मद यूनुस अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार बने। इसके बाद पिछले एक साल में ढाका और इस्लामाबाद के रिश्तों में नई गर्माहट आई है, जबकि भारत-बांग्लादेश संबंध इस बीच ठंडे पड़ गए।