ईरान-इज़राइल संघर्ष: दोनों देशों ने एक-दूसरे के ठिकानों पर किए हमले, क्षेत्र में बढ़ा तनाव

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 24-06-2025
Iran-Israel conflict: Both countries attacked each other's bases, tension increased in the region
Iran-Israel conflict: Both countries attacked each other's bases, tension increased in the region

 

दुबई

पश्चिम एशिया में तनाव और गहरा गया है क्योंकि सोमवार को इज़राइल ने तेहरान में ईरानी सरकार के कई प्रतिष्ठानों पर हवाई हमले किए, जबकि जवाबी कार्रवाई में ईरान ने मिसाइल और ड्रोन हमलों के जरिए इज़राइल को निशाना बनाया।

इज़राइली सेना ने बताया कि उसके हमलों का मकसद फोर्दो यूरेनियम संवर्धन केंद्र तक पहुंच को बाधित करना था। यह वही केंद्र है जिसे रविवार को अमेरिका ने अपने बंकर-बस्टर बमों से निशाना बनाया था।

इज़राइल के रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की कि उसने तेहरान स्थित कुख्यात एविन जेल और रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के सुरक्षा मुख्यालय समेत फलस्तीन स्क्वायर और ईरानी शासन से जुड़े अन्य सैन्य कमांड ठिकानों को भी निशाना बनाया।

इज़राइल के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, यह कार्रवाई ईरानी शासन पर दबाव बनाने के उद्देश्य से की गई है, न कि उसे सत्ता से हटाने के लिए। यह बयान उस वक्त आया जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा, “अगर ईरानी शासन देश को फिर से महान नहीं बना सकता, तो फिर सत्ता परिवर्तन क्यों न हो?”

आईएईए की आशंका: परमाणु प्रतिष्ठानों को भारी क्षति

वियना से अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने कहा कि अमेरिका द्वारा रविवार को किए गए हमलों में फोर्दो केंद्र को भारी नुकसान हुआ हो सकता है। उन्होंने बताया कि ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने 13 जून को IAEA को बताया था कि ईरान संवेदनशील परमाणु सामग्री को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करेगा।

हालांकि ईरानी अधिकारियों का दावा है कि उन्होंने पहले ही संवेदनशील सामग्री को सुरक्षित स्थानों पर हटा लिया था।

ईरान की जवाबी कार्रवाई: ट्रू प्रॉमिस 3 अभियान

ईरान के सरकारी टेलीविज़न ने बताया कि इज़राइल पर किया गया यह हमला ‘ट्रू प्रॉमिस 3’ नामक जवाबी अभियान का हिस्सा है। इसमें तेल अवीव, हाइफा और यहां तक कि यरुशलम को भी निशाना बनाया गया। हालांकि इज़राइल की मैगन डेविड एडोम सेवा ने कहा कि फिलहाल किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।

तेहरान में एविन जेल और आसपास के इलाकों में विस्फोट की आवाजें सुनी गईं। इज़राइली हमले के बाद कुछ हिस्सों में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है।

ईरानी जनरल की चेतावनी

ईरानी सशस्त्र बलों के प्रमुख जनरल अब्दुलरहीम मौसवी ने चेतावनी दी कि अमेरिका के हमलों के बाद ईरानी सेना को अमेरिकी हितों और सैन्य ठिकानों पर कार्रवाई की खुली छूट मिल गई है। उन्होंने कहा कि यह ईरान की संप्रभुता का खुला उल्लंघन है।

रूसी समर्थन और वैश्विक चिंता

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मास्को में ईरानी विदेश मंत्री से मुलाकात के बाद अमेरिकी-इज़राइली हमलों को “बिना किसी उकसावे के किया गया हमला” करार दिया। उन्होंने कहा कि इस संकट से निकलने के लिए सभी पक्षों को शांतिपूर्ण समाधान की ओर लौटना होगा।

ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ की विदेश मामलों की प्रमुख काजा कल्लास ने कहा कि “वर्तमान हालात में युद्ध का और बढ़ना बहुत खतरनाक है, खासकर अगर ईरान होर्मुज़ जलडमरूमध्य को बंद कर देता है।” यह जलमार्ग विश्व व्यापार और ऊर्जा आपूर्ति के लिए बेहद अहम है।

परमाणु समझौता और उसकी अवहेलना

ईरान लगातार दावा करता रहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम केवल शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है। लेकिन 2015 के परमाणु समझौते से अमेरिका के एकतरफा रूप से हटने के बाद ईरान ने अपने यूरेनियम संवर्धन को 60% तक बढ़ा दिया, जो हथियार-ग्रेड 90% के बेहद करीब है। साथ ही उसने अंतरराष्ट्रीय निरीक्षकों की पहुंच को भी सीमित कर दिया।