इस्लामाबाद
अफगानिस्तान में सोमवार को देशव्यापी इंटरनेट ब्लैकआउट की खबर सामने आई, जिसे तालिबान सरकार द्वारा 'अनैतिकता पर लगाम' लगाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, फाइबर-ऑप्टिक सेवाएं पूरे देश में बंद की जा सकती हैं।
यह पहला मौका है जब तालिबान के अगस्त 2021 में सत्ता में आने के बाद अफगानिस्तान ने इस तरह का व्यापक इंटरनेट बंद झेला है।
इस महीने की शुरुआत में, तालिबान प्रमुख हिबतुल्ला अखुंदजादा ने एक फरमान जारी कर फाइबर-ऑप्टिक इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाने के आदेश दिए थे। उनका तर्क था कि इससे ‘अनैतिक गतिविधियों’ पर रोक लगेगी।
सोमवार को इंटरनेट मॉनिटरिंग समूह NetBlocks ने बताया कि अफगानिस्तान में इंटरनेट कनेक्टिविटी सामान्य स्तर के केवल 14 प्रतिशत तक सिमट गई है और टेलीकॉम सेवाएं लगभग पूरी तरह ठप हो चुकी हैं।
नेटब्लॉक्स ने चेताया,"यह स्थिति आम नागरिकों के लिए बाहरी दुनिया से संपर्क करने की क्षमता को बेहद सीमित कर सकती है।"
एसोसिएटेड प्रेस (AP) अपने काबुल ब्यूरो और नंगरहार व हेलमंद प्रांतों में कार्यरत पत्रकारों से संपर्क नहीं कर सका। तालिबान सरकार ने अब तक इस ब्लैकआउट की पुष्टि नहीं की है, जबकि वह खुद आंतरिक और बाहरी संवाद के लिए सोशल मीडिया और मैसेजिंग ऐप्स पर निर्भर है।
प्राइवेट न्यूज चैनल TOLO News ने बताया कि उनके सूत्रों ने पुष्टि की है कि सोमवार से पूरे देश में फाइबर-ऑप्टिक इंटरनेट सेवाएं बंद की जा सकती हैं।विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से देश की सूचनात्मक स्वतंत्रता और जनसंचार पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा।