मुस्लिम बहुल इंडोनेशिया ने रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों को वापस लौटाया

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 29-12-2021
रोहिंग्या मुस्लिम
रोहिंग्या मुस्लिम

 

जकार्ता. इंडोनेशिया के आचे प्रांत के तट पर दर्जनों रोहिंग्या मुस्लिम  शरणार्थियों की नाव के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद उन्हें मलेशियाई जलक्षेत्र में भेजा जा रहा है. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. लकड़ी के जहाज पर सवार कम से कम 100 महिलाओं और बच्चों को इंडोनेशिया में शरण देने से मना कर दिया गया था और उन्हें पड़ोसी दक्षिण पूर्व एशियाई देश में जाने के लिए मजबूर किया.


एएफपी के अनुसार गैर-सरकारी संगठनों और शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के आह्वान के बावजूद इंडोनेशियाई अधिकारियों ने रोहिंग्या शरणार्थियों को देश में एंट्री देने के मना कर दिया. हालांकि मदद के नाम उनकी क्षतिग्रस्त नाव को ठीक करने के लिए तकनीशियन ग्रुप को भेजने की बात कह रहे हैं.

आचेह पुलिस के प्रवक्ता विनार्डी ने एएफपी को बताया, "हमें उम्मीद है कि रोहिंग्याओं को दी जाने वाली मदद उन्हें मलेशिया की यात्रा जारी रखने में मदद कर सकती है. जब तक वे अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच जाते, हम उन पर नजर रखेंगे."

एक स्थानीय नौसेना कमांडर के अनुसार, लकड़ी की नाव को पहली बार दो दिन पहले देखा गया था, जो इंडोनेशियाई तट से लगभग 70 समुद्री मील दूर फंसी हुई थी. इंडोनेशियाई अधिकारियों ने रोहिंग्या शरणार्थियों को मलेशिया या थाईलैंड जाने का रास्ता नहीं दिया, बल्कि समुद्र के रास्ते आने पर उनके आने पर पाबंदी लगा दी. लेकिन एमनेस्टी इंटरनेशनल और यूएनएचसीआर ने सरकार से रोहिंग्या शरणार्थियों के फंसे हुए लोगों को उतरने देने की मांग की है.

एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडोनेशिया के कार्यकारी निदेशक उस्मान हामिद ने एक बयान में कहा, "यह लोगों के जीवन और मृत्यु से जुड़ा मामला है. उन लोगों में महिलाएं और बच्चे हैं, हमें उनके स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए." यूएनएचसीआर ने जकार्ता से नाव के यात्रियों को उतरने देने का भी आह्वान किया.

स्थानीय मछुआरा समुदाय के नेता बदरुद्दीन यूनुस ने एएफपी को बताया कि नाव में 120 लोग सवार थे, जिनमें 51 बच्चे और 60 महिलाएं शामिल हैं. उन्होंने कहा कि नाव का इंजन टूट गया था और भाषा की बाधा के कारण शरणार्थी स्थानीय मछुआरों के साथ संवाद नहीं कर सके.

गौरतलब है कि पिछले साल बौद्ध बहुल म्यांमार में उत्पीड़न से भागे सैकड़ों रोहिंग्या इंडोनेशिया पहुंचे थे. 1 लाख से अधिक रोहिंग्या की पर्याप्त आबादी के कारण कई लोग मलेशिया भाग गए हैं.