20 साल से लापता भारतीय महिला बांग्लादेश में मिली, जल्द लौटेंगी परिवार के पास

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 28-11-2025
Indian woman missing for 20 years found in Bangladesh, will soon return to her family
Indian woman missing for 20 years found in Bangladesh, will soon return to her family

 

नई दिल्ली:

मध्य प्रदेश की राधिका नामक महिला, जो 20 साल पहले पश्चिम बंगाल में गंगासागर मेले के दौरान लापता हो गई थी, बांग्लादेश में पाई गई है। भारत उसे वापस लाने और उसके परिवार से मिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं। मीडिया आउटलेट एनडीटीवी ने शुक्रवार (28 नवंबर) को इसकी जानकारी दी।

पश्चिम बंगाल रेडियो क्लब के रेडियो ऑपरेटरों ने राधिका को खोज निकाला। ये ऑपरेटर गुमशुदा लोगों को ढूंढने और उन्हें उनके परिवार से मिलाने का काम करते हैं।

संस्था के सचिव, अम्बरीस नाग बिस्वास ने बताया, "बांग्लादेश में हमारे सूत्रों ने सूचना दी कि राधिका नाम की 70 वर्षीय महिला सड़क पर भीख मांगते हुए पाई गई। जब उससे उसके पति का नाम पूछा गया, तो उसने कोई उत्तर नहीं दिया, केवल 'सागर' नाम का शब्द बताया। हमने सबसे पहले पश्चिम बंगाल के सागर द्वीप की जांच की, लेकिन वहां की कोई महिला लापता नहीं थी। फिर हमने अन्य स्थानों की खोज शुरू की।"

रेडियो क्लब के ऑपरेटरों ने भारत में सभी ‘सागर’ नामक स्थानों की जांच की। इसी दौरान उन्हें मध्य प्रदेश के सागर संभाग के खजरा गांव में राधिका के लापता होने की जानकारी मिली।

नाग बिस्वास ने बताया, "राधिका गंगासागर मेले में तीर्थयात्रियों के एक समूह के साथ गई थी, लेकिन वह उस समूह से अलग हो गई और गलती से एक बांग्लादेशी समूह में शामिल हो गई। इस समूह के साथ वह ट्रॉलर में बांग्लादेश पहुँच गई, जहां वह असहाय हो गई और भीख मांगने लगी।"

राधिका के पति और तीन बेटे मध्य प्रदेश में रहते थे। उनके पति बलिराम और एक बेटे पूरन का निधन पहले ही हो चुका है। बाकी दो बेटे, राजेश और गणेश, दिल्ली में रहकर काम करते हैं।

नाग बिस्वास ने कहा, "जब हमें राधिका की तस्वीर मिली, तो वह बूढ़ी और गंदगी से भरी हुई दिखाई दी। हमने उसे पार्लर में ले जाकर साफ़ किया। जब उसकी तस्वीर राजेश को दिखाई गई, तो उन्होंने तुरंत अपनी मां को पहचान लिया।"

राजेश और उनके परिवार ने 20 साल बाद अपनी मां को पाकर राहत और खुशी व्यक्त की।

एनडीटीवी के अनुसार, बांग्लादेश उच्चायोग और भारतीय विदेश मंत्रालय को इस मामले में सूचित किया गया है। दोनों पक्ष महिला को भारत लाने के लिए हर संभव सहायता करने का आश्वासन दे चुके हैं।