अफगानिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हमले पर भारत ने जताई चिंता

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] • 1 Years ago
रुचिरा कंबोज
रुचिरा कंबोज

 

न्यूयॉर्क. भारत ने अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय के धार्मिक स्थलों पर हमलों की बढ़ती संख्या पर चिंता जताई, जिसमें काबुल में 18 जून को सिख गुरुद्वारा पर हालिया हमला भी शामिल है. यूएनएससी ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए, संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदायों पर इस तरह के हमलों से नई दिल्ली अत्यधिक चिंतित है.

उन्होंने आतंकवादी कृत्यों के कारण अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरों पर यूएनएससी ब्रीफिंग के दौरान कहा, ‘‘भारत का निकटतम पड़ोस भी हाल ही में आतंकवादी घटनाओं की एक श्रृंखला का गवाह रहा है. अल्पसंख्यक समुदाय के धार्मिक स्थलों पर हमलों की श्रृंखला, जिसमें काबुल में 18 जून को सिख गुरुद्वारे पर हाल ही में हमला और उसी के पास 27 जुलाई को गुरुद्वारा में बेहद खतरनाक एक और बम विस्फोट शामिल है.

भारत की स्थायी प्रतिनिधि ने 1988 की प्रतिबंध समिति की निगरानी टीम की रिपोर्ट के हालिया निष्कर्षों का हवाला दिया, जो अफगानिस्तान में आईएसआईएल-के की उपस्थिति और हमलों को अंजाम देने की उनकी क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि की ओर इशारा करता है. राजदूत कंबोज ने कहा, ‘‘आईएसआईएस-के कथित तौर पर अफगानिस्तान में अपने अड्डे के साथ, अन्य देशों पर आतंकवादी हमलों की धमकी जारी रखे हुए है.’’

भारतीय राजनयिक ने कहा कि यूएनएससी द्वारा सूचीबद्ध समूहों जैसे लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के साथ-साथ अफगानिस्तान से संचालित अन्य आतंकवादी समूहों द्वारा दिए गए भड़काऊ बयानों के बीच संबंध क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए सीधा खतरा हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, हमें यह सुनिश्चित करने में ठोस प्रगति देखने की जरूरत है कि ऐसे प्रतिबंधित आतंकवादियों, संस्थाओं, या उनके उपनामों को आतंकवादी अभयारण्यों से कोई समर्थन, मौन या प्रत्यक्ष रूप से नहीं मिले, जो कि उसी क्षेत्र में स्थित हैं.’’ भारत के स्थायी प्रतिनिधि ने यह भी बताया कि यह वास्तव में हैरान करने वाला है कि महासचिव की रिपोर्ट ने इस क्षेत्र में कई प्रतिबंधित समूहों की गतिविधियों पर ध्यान नहीं देने का फैसला किया, विशेष रूप से वे जो बार-बार भारत को निशाना बना रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘सदस्य राज्यों से इनपुट की चुनिंदा फिल्टरिंग अनावश्यक है.’’ उन्होंने कहा और भारत को उम्मीद है कि एसजी की रिपोर्ट के भविष्य के पुनरावृत्तियों में, सभी सदस्य राज्यों के इनपुट को समान स्तर पर माना जाएगा. राजदूत काम्बोज ने कहा कि भारत इस खतरे से निपटने के लिए उपाय करने के लिए क्षेत्र के देशों के प्रयासों की सराहना करता है और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और संयुक्त राष्ट्र से बिना किसी चेतावनी के इन प्रयासों का समर्थन करने का आह्वान करता है.