भारत और जमर्नी ने रक्षा उपकरणों के संयुक्त विकास और उत्पादन पर चर्चा की

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 18-11-2025
India and Germany discuss joint development and production of defence equipment
India and Germany discuss joint development and production of defence equipment

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
भारत और जर्मनी ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण रक्षा बैठक की जिसमें दोनों पक्षों ने रक्षा उपकरणों का मिलकर ‘विकास और उत्पादन करने’ सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।
 
रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने जर्मनी के रक्षा मंत्रालय में सचिव जेन्स प्लॉटनर के साथ यहां भारत-जर्मनी उच्च रक्षा समिति की बैठक की सह-अध्यक्षता की।
 
दोनों पक्षों ने घनिष्ठ रक्षा साझेदारी और उद्योग सहयोग की आवश्यकता को भी रेखांकित किया।
 
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘सह-अध्यक्षों ने भारत और जर्मनी के बीच रणनीतिक साझेदारी के प्रमुख स्तंभ के रूप में रक्षा संबंधों को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए सैन्य स्तर पर सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराई।’’
 
बयान के मुताबिक दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय सुरक्षा और रक्षा संबंधी विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की, जिसमें रक्षा उपकरणों का मिलकर विकास और उत्पादन के प्राथमिकता वाले क्षेत्र भी शामिल थे।
 
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक दोनों पक्षों ने क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति पर भी विचार-विमर्श किया तथा सैन्य अभ्यासों को संस्थागत रूप देने सहित द्विपक्षीय आदान-प्रदान को तीव्र करने पर चर्चा की।
 
बयान में कहा गया है कि जर्मनी 2026 में प्रस्तावित बहुराष्ट्रीय वायु सेना युद्धाभ्यास ‘‘तरंग शक्ति’’ और बहुराष्ट्रीय नौसैनिक अभ्यास ‘‘मिलान’’ में हिस्सा लेगा।
 
भारत हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) के संबंध में सिंह ने जर्मन प्रतिनिधिमंडल को बताया कि इस क्षेत्र के प्रति भारत का दृष्टिकोण, ‘महासागर’ (क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास की पारस्परिक और समग्र उन्नति) से निर्देशित है।
 
भारत हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के साथ विकास साझेदारी, रक्षा और समुद्री सुरक्षा, क्षमता निर्माण और मानवीय सहायता से लेकर आपदा राहत तक विभिन्न क्षेत्रों में मिलकर काम कर रहा है।
 
बयान में कहा गया कि जर्मन पक्ष ने हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की भूमिका को स्वीकार किया।
 
दोनों पक्षों ने घनिष्ठ रक्षा साझेदारी और दोनों देशों के उद्योगों, विशेषकर विशिष्ट प्रौद्योगिकी, को मजबूत करने की आवश्यकता को रेखांकित किया।
 
मंत्रालय ने कहा कि भारत और जर्मनी के बीच दीर्घकालिक संबंध हैं, जो समान मूल्यों और साझा लक्ष्यों पर आधारित हैं। दोनों देश इस वर्ष अपनी रणनीतिक साझेदारी के 25 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहे हैं।