‘इमरान खान ज़िंदा हैं, सरकार उन पर देश छोड़ने का दबाव बना रही है: पीटीआई

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 01-12-2025
Imran Khan is alive, the government is pressuring him to leave the country: PTI
Imran Khan is alive, the government is pressuring him to leave the country: PTI

 

इस्लामाबाद

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मौत की खबरों को सिरे से खारिज कर दिया है। पीटीआई के सीनेटर खुर्रम ज़ीशान ने शनिवार को कहा कि इमरान खान पूरी तरह सुरक्षित हैं और अदियाला जेल में बंद हैं

उन्होंने आरोप लगाया कि इमरान खान को देश छोड़ने के लिए मजबूर करने की एक रणनीति के तहत उन्हें जेल में एकांत कारावास में रखा गया है।भारतीय समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में ज़ीशान ने कहा कि सरकार इमरान खान की बढ़ती लोकप्रियता से डरी हुई है, इसलिए उनकी कोई भी तस्वीर या वीडियो जारी नहीं होने दिया जा रहा है।

बीते कुछ दिनों से अफ़ग़ान सोशल मीडिया पेजों पर अफवाह उड़ाई गई थी कि इमरान खान की जेल में हत्या कर दी गई है। यह अफवाह तब और फैल गई जब अदालत के आदेश के बावजूद उनकी तीन बहनों को उनसे मिलने नहीं दिया गया। एक महीने से राजनीतिक हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं।

ज़ीशान ने आरोप लगाया, “उन्हें लगभग एक महीने से एकांत कारावास में रखा गया है। परिवार, वकील, यहां तक कि वरिष्ठ पीटीआई नेताओं को भी उनसे मिलने नहीं दिया जा रहा। यह मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन है। ऐसा लगता है कि सरकार उन्हें किसी चीज़ के लिए मजबूर करना चाहती है।”

उन्होंने आगे कहा, “ताज़ा जानकारी के अनुसार इमरान खान ज़िंदा हैं और अदियाला जेल में ही हैं। वह ठीक हैं।”जब पूछा गया कि सरकार किस तरह का 'समझौता' चाहती है, तो ज़ीशान ने दावा किया कि इमरान खान पर देश छोड़ने और चुप रहने का दबाव डाला जा रहा है।

उन्होंने कहा, “उन्हें प्रस्ताव दिया गया है कि वह विदेश चले जाएं और खामोश रहें, बदले में रियायतें मिलेंगी। लेकिन इमरान खान जैसे नेता इस तरह का प्रस्ताव कभी स्वीकार नहीं करेंगे।”ज़ीशान ने दावा किया कि जेल में रहने के बावजूद इमरान खान का प्रभाव और राजनीतिक पकड़ बढ़ रही है।

उनके अनुसार, पीटीआई युवाओं के बीच सबसे लोकप्रिय पार्टी बनी हुई है और उसकी विचारधारा लगातार नई पीढ़ियों तक पहुंच रही है।इमरान खान की कोई तस्वीर जारी न होने पर उन्होंने कहा, “मौजूदा हुक्मरान डरते हैं। एक छोटी-सी तस्वीर भी जनता में गुस्सा भड़का सकती है।”

स्रोत: एएनआई