आवाज-द वॉयस / नई दिल्ली
अफगानिस्तान के पूर्व नेता अशरफ गनी के अंगरक्षक ब्रिगेडियर जनरल पिराज अता शरीफी ने महत्वपूर्ण दावा किया है कि उन्होंने अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति को लाखों डॉलर के साथ भागते हुए देखा है. उनके पास एक ऐसी सीसीटीवी फुटैज है, जिससे इस दावे की पुष्टि होती है. किंतु वह किसी ‘सुरक्षित’ स्थान पर पहुंचने के बाद ही इस फुटैज को जारी करेंगे. उधर, तालिबान ने शरीफी को ‘वांछित’ घोषित कर रखा है. उनके एक भाई की हत्या भी कर दी गई है.
डेली मेल की रिपोर्ट में कहा गया है कि शरीफी ने अपने पूर्व बॉस के भ्रष्टाचार का पदार्फाश करने का भी वादा किया है. उनका कहना है कि वह करोड़ों डॉलर के सार्वजनिक धन से भरे बैग लेकर देश से भाग गए.
गनी के देश से बाहर भागने की घटनाओं को याद करते हुए, जनरल शरीफी ने कहा, “हम वहां राष्ट्रपति की प्रतीक्षा कर रहे थे, लेकिन फिर मुझे फोन आया कि राष्ट्रपति रक्षा मंत्रालय में आने के बजाय हवाई अड्डे पर चले गए. रक्षा मंत्री भी भाग गए थे. गनी के सभी करीबी परिवार और दल भी थे.”
उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति ने हमें कभी नहीं बताया कि वह जा रहे हैं. वे बस भाग गए और मुझे पीछे छोड़ गए.”
उन्होंने कहा, “मेरे पास (पैलेस) एक (सीसीटीवी) रिकॉर्डिंग है, जो दिखाती है कि अफगान बैंक में एक व्यक्ति गनी के जाने से पहले बहुत सारा पैसा लाया था.”
उन्होंने कहा, “करोड़ों, शायद अरबों डॉलर. कई बड़े बैग थे और वे भारी थे. यह चावल नहीं था.”
अंगरक्षक ने कहा, “गनी को अंत में पता था कि क्या होगा. इसलिए वह सारे पैसे ले गया और भाग गया. मैंने कभी नहीं सोचा था कि वह ऐसा करेगा. लेकिन मेरे पास सबूत हैं, जो मैं साझा करूंगा जब मैं एक में एक सुरक्षित जगह पर रहूंगा.”
यह साबित करने के लिए जनरल के पास सीसीटीवी सबूत है, ब्रिगेडियर जनरल ने कहा कि अगर वह अफगानिस्तान से निकलने में सक्षम हुए, तो वह सबूत साझा करेगा.
रिपोर्ट के अनुसार, यह एक बहुत बड़ा ‘अगर’ है और यह दिन-ब-दिन बड़ा होता जा रहा है, क्योंकि अफगानिस्तान की राजधानी में एक तलाशी अभियान की घोषणा की गई है.
अब पूर्व राष्ट्रपति भाग गए हैं, पश्चिमी समर्थित सरकार इतिहास है और जनरल शरीफी, जिन्हें वीआईपी निकासी की जानकारी नहीं थी, उनके सिर पर इनाम है.
इस आशय के वांछित पोस्टर काबुल में तालिबान सुरक्षा चौकियों पर दिखाई दे रहे हैं.
पोस्टर में उनके तस्वीर के साथ लिखा हैः (यह है) जनरल पिराज शरीफी, जिनका उपनाम ‘अता’ भी है. वह राष्ट्रपति के विशेष गार्ड थे. उनके पास अब 300हथियार हैं. यदि आप इसके बारे में जानते हैं, तो आपको अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात को सूचित करना चाहिए.”
रिपोर्ट में कहा गया है कि जनरल खोज को नई तालिबान सरकार के सबसे क्रूर सदस्य द्वारा निर्देशित किया जा रहा है.
जनरल के भाइयों में से एक को पहले ही कथित तौर पर गोली मार दी गई है.
(एजेंसी इनपुट सहित)