वॉशिंगटन/शर्म अल‑शेख,
मिस्र के शर्म अल‑शेख में आज हमास, इज़राइल और अमेरिका के बीच बातचीत होने जा रही है, जिसका केन्द्रबिंदु अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तुत 20‑सूत्रीय शांति प्रस्ताव होगा। किसी भी प्रत्यक्ष आमने‑सामने वार्ता से पहले इज़राइली प्रतिनिधि मंडल मिस्र के लिए रवाना हो गया है। अमेरिका का प्रतिनिधित्व ट्रंप के दामाद जेरेड कुशनर और एक विशेष दूत (सूचना के अनुसार) स्टीवोट्कोव करेंगे। हमास की ओर से भी अप्रत्यक्ष बातचीत में भाग लेने की उम्मीद जताई जा रही है।
ट्रंप ने कहा है कि समझौते में अत्यधिक लचीलेपन की ज़रूरत नहीं है क्योंकि अधिकांश पक्ष सहमत दिखाई दे रहे हैं; हालाँकि कुछ तकनीकी संशोधनों पर चर्चा संभव है। उन्होंने बताया कि तकनीकी टीमें पहले चरण के अंतिम विवरणों पर आज मिस्र में फिर मिलेंगी और उन्हें बताया गया है कि पहला चरण इसी सप्ताह पूरा हो सकता है। ट्रंप ने सभी पक्षों से तेज़ी से काम करने का आह्वान भी किया।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा है कि “लगभग 90% मुद्दे सुलझ चुके हैं,” जिससे यह संकेत मिलता है कि शेष मुद्दों पर अंतिम सहमति पर काम चल रहा है। वहीं इज़रायल का कहना है कि फिलहाल गाज़ा में पूर्ण युद्धविराम लागू नहीं हुआ है; कुछ क्षेत्रों में अस्थायी हमलों में कमी दर्ज हुई है पर संघर्ष पूरी तरह थमा नहीं है।
अरब मीडिया की रिपोर्टों में दावा किया गया है कि हमास अंतरराष्ट्रीय निगरानी में अपने कुछ हथियार सौंपने के लिए तैयार है — यह एक महत्वपूर्ण शर्त हो सकती है, यदि सत्यापित हो तो यह रिहाई और स्थायी बन्दीविराम की दिशा में निर्णायक कदम बन सकता है।
बातचीत का स्वर और परिणाम मध्य पूर्व में शांति की दिशा में निर्णायक साबित हो सकते हैं; सभी पक्षों ने फिलहाल संयम बरतने और तकनीकी बिंदुओं पर तेजी से काम करने का संकेत दिया है।