नई हवाः इस बार महिला हाजियों ने बिना पुरुष किया हज

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 21-07-2021
हज यात्रा के दौरान बिना महरम के महिला तीर्थयात्री
हज यात्रा के दौरान बिना महरम के महिला तीर्थयात्री

 

राकेश चौरासिया / नई दिल्ली-रियाद

हज में इस बार सदियों के बंधन टूट गए. महिला हुज्जाजों ने महरम यानि पुरुष अभिभावक के बिना ही हज यात्रा की. सऊदी अरब में नए सुधारों के तहत यह नई व्यवस्था की गई है.

इससे पहले हर उस महिला को महरम के साथ ही हज करने की अनुमति थी, जिसकी उम्र 45 वर्ष से कम होती थी. 

नए नियम के अनुसार अब महिला हज यात्रियों में कोई भी किसी भी उम्र की हो सकती है. बस उसे समूह में हज यात्रा करनी होगी. यानि कोई अकेली महिला हज करना चाहती है, तो उसके लिए अब भी इसकी अनुमति नहीं होगी.

एमबीएस के नाम से मशहूर क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने हाल ही में सऊदी अरब की महिलाओं को कई अधिकार दिए हैं, जिनमें उनका व्यापार करना और ड्राईविंग करना आदि शामिल है.

एमबीएस सऊदी अरब को महिलाओं के भी अनुकूल बना रहे हैं. दरअसर वे तेल आधारित अर्थव्यवस्था के बजाय सऊदी अरब को माइक्रो इमॉनोमी की ओर मोड़ना चाहते हैं. इसलिए उन्हें शेष दुनिया के सहयोग और विदेशियों की आवाजाही स्वीकार करनी होगी, यह तभी संभव है कि जब विदेशी वहां समावेशी माहौल महसूस करें.

एक 35 वर्षीय पाकिस्तानी महिला बुशरा शाह ने एएफपी को बताया कि वह मक्का की महान तीर्थयात्रा करके बचपन के सपने को साकार कर रही हैं, और नए नियमों के तहत वह इसे पुरुष अभिभावक के बिना कर रही हैं.

पश्चिमी सऊदी अरब के प्रमुख बंदरगाह शहर जेद्दा में अपने घर से निकलने से पहलेशाह ने एएफपी को बताया, “यह एक सपने के सच होने जैसा है. मेरा बचपन का सपना हज करना था.”

नागरिक समाज संगठन के लिए काम करने वाले 42 वर्षीय महिला ने बताया, “अभिभावक के बिना हज एक चमत्कार है.”

इस बार महिलाओं के कई समूहों ने बिना महरम के ग्रैंड मस्जिद में काबा के आसपास तवाफ किया.

सऊदी अधिकारियों के अनुसार महिलाएं बिना पुरुष अभिभावक के अन्य महिलाओं के साथ हज के लिए पंजीकरण करा सकती हैं.