एफटीए और यूके-इंडिया विजन 2035 से द्विपक्षीय संबंधों में आएगा बड़ा बदलाव

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 24-07-2025
FTA and UK-India Vision 2035 will bring a big change in bilateral relations
FTA and UK-India Vision 2035 will bring a big change in bilateral relations

 

लंदन

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को एक "महत्वपूर्ण और व्यापक" मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर करेंगे। इसके साथ ही, दोनों नेता “यूके-इंडिया विजन 2035” नामक एक महत्वाकांक्षी समझौते पर भी सहमति जताएंगे, जो अगले एक दशक के लिए भारत-ब्रिटेन संबंधों में एक नए युग की शुरुआत करेगा। यह जानकारी ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड लैमी ने दी।

प्रधानमंत्री मोदी की ब्रिटेन यात्रा के दौरान पीटीआई को दिए एक विशेष साक्षात्कार में लैमी ने कहा कि यह समझौता एफटीए को आधार बनाकर रक्षा सहयोग को मजबूत करेगा और दोनों अर्थव्यवस्थाओं के बीच नवाचार को गति देगा।

लैमी ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा को लेकर हम बेहद उत्साहित हैं। यह एफटीए ब्रिटेन के लिए यूरोपीय संघ से बाहर निकलने के बाद सबसे महत्वपूर्ण व्यापार समझौता है और भारत द्वारा अब तक हस्ताक्षरित सबसे व्यापक समझौता है।"

उन्होंने कहा, "यूके-इंडिया एफटीए हमारे साझेदारी की मजबूती का प्रमाण है। यह द्विपक्षीय व्यापार को 25.5 अरब पाउंड तक बढ़ाने, यूके की जीडीपी में 4.8 अरब पाउंड का इजाफा करने और वेतन में हर साल 2.2 अरब पाउंड की वृद्धि लाने का अनुमान है। लेकिन यह यात्रा केवल व्यापार तक सीमित नहीं है। यह भारत और ब्रिटेन के बीच नए युग की साझेदारी का प्रतीक है।"

यूके-इंडिया विजन 2035: भविष्य की रूपरेखा

लैमी ने बताया कि नया समझौता रक्षा और सुरक्षा, प्रौद्योगिकी और नवाचार, जलवायु और स्वच्छ ऊर्जा तथा शिक्षा जैसे क्षेत्रों में स्पष्ट लक्ष्य और मील के पत्थर तय करता है।

उन्होंने कहा, "इस सप्ताह हम यूके-इंडिया विजन 2035 को अंतिम रूप दे रहे हैं। यह एक नई कार्य योजना है जो हमारे द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को नई ऊंचाई पर ले जाएगी, रक्षा सहयोग को मजबूत करेगी, नवाचार को बढ़ावा देगी और नई तकनीकों को आकार देने में दोनों देशों को साझेदार बनाएगी।"

उन्होंने कहा कि यह समझौता उन्नत तकनीकों, महत्वपूर्ण खनिजों और हरित वित्त जैसे नए क्षेत्रों में सहयोग की शुरुआत करेगा और दोनों देशों के बीच पहले से मौजूद साझेदारियों को और मजबूत करेगा। साथ ही, इसका वार्षिक मूल्यांकन किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह साझेदारी समयानुकूल और परिवर्तनशील बनी रहे।

विदेश नीति में भारत की अहम भूमिका

लैमी ने भारत को इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में "केंद्रीय साझेदार" बताया और कहा कि यह क्षेत्रीय स्थिरता, स्वतंत्रता और सुरक्षा के प्रति ब्रिटेन की साझा प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

उन्होंने कहा, "भारत 21वीं सदी की उभरती हुई महाशक्ति है, जिसकी जनसंख्या 1.4 अरब है और जो दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है। यूके-इंडिया विजन 2035 और एफटीए के माध्यम से, ब्रिटेन अगले एक दशक तक भारत का प्रमुख भागीदार बनने की स्थिति में है।"

विकास साझेदारी पर स्पष्टीकरण

जब लैमी से पूछा गया कि ब्रिटेन द्वारा भारत को प्रत्यक्ष सहायता देने की खबरें अभी भी कुछ मीडिया में आती हैं, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि ब्रिटेन 2015 से भारत सरकार को कोई प्रत्यक्ष फंडिंग नहीं दे रहा है।

उन्होंने कहा, "अब हम भारत के जलवायु लक्ष्यों और सतत विकास को समर्थन देने वाले प्रोजेक्ट्स में निवेश करते हैं, जिससे यूके को वित्तीय लाभ भी मिलता है। भारत का विकास वैश्विक स्तर पर मायने रखता है।"

एफटीए से व्यापार दोगुना करने का लक्ष्य

प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री स्टारमर की गुरुवार को बकिंघमशायर स्थित 'चेकर्स' प्रधानमंत्री निवास पर वार्ता होनी है, जहां दोनों नेता एफटीए पर हस्ताक्षर करेंगे। इस समझौते का लक्ष्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना कर लगभग 120 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाना है।