आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पश्चिम अफ्रीकी राष्ट्र नीजर में तख्तापलट के बाद देश से राजदूत को वापस बुलाने और सभी सैन्य सहयोग समाप्त करने के अपने फैसले की घोषणा की है.
रविवार को एक बयान में राष्ट्रपति ने कहा, "फ्रांस ने अपने राजदूत को वापस बुलाने का फैसला किया है. हमारे राजदूत और कई राजनयिक फ्रांस लौट आएंगे."
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि सैन्य सहयोग "खत्म" हो गया है और फ्रांसीसी सैनिक "आने वाले महीनों" में वापस चले आएंगे.
सैन्य जुंटा ने जुलाई में नीजर में सत्ता पर कब्ज़ा कर लिया था.
पश्चिम अफ्रीका में कई पूर्व फ्रांसीसी उपनिवेशों -- बुर्किना फासो, गिनी, माली और चाड में सेना ने हाल ही में नियंत्रण हासिल कर लिया है. पिछले महीने गैबॉन में तख्तापलट हुआ था.
फिलहाल नीजर में लगभग 1,500 फ्रांसीसी सैनिक हैं.
अपने बयान में, मैक्रों ने कहा कि वह अभी भी अपदस्थ नीजर राष्ट्रपति मोहम्मद बज़ौम को देश के "एकमात्र वैध शासक" के रूप में मानते हैं, जिन्हें सेना ने बंदी बना रखा है.
इस बीच, नीजर में सैन्य जुंटा ने मैक्रों के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह "नीजर की संप्रभुता की दिशा में एक नया कदम" है.