न्यूयॉर्क/शर्म अल-शेख
ग़ाज़ा युद्ध को समाप्त करने के प्रयासों के तहत मिस्र के शहर शर्म अल-शेख में चल रही वार्ता का पहला दिन "सकारात्मक माहौल" में संपन्न हुआ। यह वार्ता मंगलवार को भी जारी रहेगी।
अल जज़ीरा ने मिस्र के सरकारी चैनल अल-क़ाहिरा टेलीविज़न के हवाले से बताया कि इस बहुपक्षीय वार्ता का आयोजन मिस्र, कतर और अमेरिका द्वारा किया गया। सोमवार को हुई इस बैठक में हमास के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया, जबकि एक इज़राइली प्रतिनिधिमंडल भी वार्ता के लिए शर्म अल-शेख पहुंच चुका है।
हालांकि, अब तक बातचीत की प्रगति या किसी संभावित समझौते के विवरण सार्वजनिक नहीं किए गए हैं।इस वार्ता को ग़ाज़ा में जारी हिंसा और मानवीय संकट को रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को ओवल ऑफिस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए दावा किया कि हमास, ग़ाज़ा युद्धविराम से संबंधित कई अहम बिंदुओं पर सहमत हो गया है।
ट्रंप ने कहा, "हमास के साथ बातचीत में हमने कुछ ठोस प्रगति की है। यह एक ऐसा समझौता बन सकता है जिसमें सभी पक्ष आश्चर्यजनक रूप से एकजुट हैं।"
जब उनसे पूछा गया कि क्या अमेरिका की कोई “लाल रेखा” है — जैसे कि हमास से हथियार डालने की मांग — तो ट्रंप ने जवाब दिया, "अगर कुछ शर्तें पूरी नहीं होती हैं, तो हम आगे नहीं बढ़ेंगे। लेकिन मुझे लगता है कि अब तक हम अच्छी दिशा में हैं।"
बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस वार्ता का मुख्य उद्देश्य ज़मीनी स्तर पर ऐसी स्थिति बनाना है, जिससे बंधकों और कैदियों की अदला-बदली संभव हो सके।
यदि वार्ता सफल होती है, तो
ग़ाज़ा में बंद सभी इज़राइली बंधकों को रिहा किया जाएगा,
बदले में, इज़राइल, अपनी जेलों में बंद एक तय संख्या में फ़िलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा।
यह वार्ता ऐसे समय हो रही है जब इज़राइल की ओर से ग़ाज़ा पर बमबारी जारी है और हाल ही में 63 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।वहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस संघर्ष के खिलाफ आवाजें तेज हो रही हैं — नीदरलैंड समेत कई देशों में लाखों लोगों ने विरोध प्रदर्शन कर युद्धविराम की मांग की है।
स्रोत: अल जज़ीरा, सीएनएन, बीबीसी