ग़ाज़ा विस्थापन पर नेतन्याहू के बयान की मिस्र और क़तर ने की कड़ी निंदा

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 06-09-2025
Egypt and Qatar strongly condemn Netanyahu's statement on Gaza displacement
Egypt and Qatar strongly condemn Netanyahu's statement on Gaza displacement

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
 मिस्र और क़तर ने शुक्रवार को इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के ग़ाज़ा में फ़िलिस्तीनियों के विस्थापन संबंधी बयान की कड़ी आलोचना की। अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार, नेतन्याहू ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा था कि ग़ाज़ा के पुनर्निर्माण के लिए अलग-अलग योजनाएं हैं और "जनसंख्या का आधा हिस्सा ग़ाज़ा छोड़ना चाहता है," साथ ही उन्होंने दावा किया कि “मैं रफ़ा क्रॉसिंग खोल सकता हूं, लेकिन मिस्र इसे तुरंत बंद कर देगा.”
 
मिस्र के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में नेतन्याहू की टिप्पणियों को "क्षेत्र में तनाव को लम्बा खींचने और अस्थिरता को बनाए रखने की कोशिश" करार दिया। मंत्रालय ने कहा कि फ़िलिस्तीनियों को ज़बरदस्ती या दबाव में उनकी भूमि से विस्थापित करना "अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का खुला उल्लंघन" है और "युद्ध अपराध" की श्रेणी में आता है। बयान में यह भी दोहराया गया कि मिस्र कभी भी फ़िलिस्तीनियों के विस्थापन में सहयोगी नहीं बनेगा और इसे "रेड लाइन" माना जाता है.
 
क़तर के विदेश मंत्रालय ने भी नेतन्याहू की टिप्पणियों को "भाईचारे वाले फ़िलिस्तीनी लोगों के अधिकारों के उल्लंघन" की नीति का हिस्सा बताते हुए आलोचना की। क़तर ने कहा, "क़ब्ज़े द्वारा फ़िलिस्तीनियों के खिलाफ सामूहिक दंड की नीति उन्हें उनकी ज़मीन छोड़ने या उनके वैध अधिकारों से वंचित करने में सफल नहीं होगी.
 
क़तर ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वह "इज़राइली क़ब्ज़े की चरमपंथी और भड़काऊ नीतियों" का सामना करने के लिए एकजुट हो ताकि क्षेत्र में हिंसा के चक्र को रोका जा सके और इसके फैलाव को दुनिया तक जाने से रोका जा सके.
 
मिस्र और क़तर वर्तमान में हमास और इज़राइल के बीच संघर्ष विराम के लिए मध्यस्थता प्रयासों की अगुवाई कर रहे हैं और ग़ाज़ा में मानवीय सहायता की एंट्री को सुविधाजनक बना रहे हैं.
 
अल जज़ीरा की रिपोर्टर हम्दा सलहुत ने अम्मान से बताया कि नेतन्याहू के बयान "बेहद विवादास्पद" हैं क्योंकि "इज़राइली सरकार ही है जिसने फ़िलिस्तीनियों को ग़ाज़ा से बाहर निकालने की नीति बनाई है।" उन्होंने कहा कि क़तर और मिस्र की निंदा वास्तव में इज़राइल को यह बताने जैसा है कि "ग़ाज़ा में अपराधों की निरंतरता और रफ़ा बॉर्डर क्रॉसिंग की पूर्ण बंदी ही फ़िलिस्तीनियों को ग़ाज़ा में कैद कर रही है, न कि कोई और वजह.