भारत-अमेरिका रिश्तों पर डोनाल्ड ट्रंप का बयान: ‘‘विशेष संबंध, चिंता की कोई बात नहीं’’

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 06-09-2025
Donald Trump's statement on India-US relations: Special relationship, nothing to worry about
Donald Trump's statement on India-US relations: Special relationship, nothing to worry about

 

न्यूयॉर्क/वाशिंगटन

अमेरिका और भारत के बीच बढ़ते शुल्क विवाद और रूस से तेल खरीद के मुद्दे को लेकर तनाव गहराने के बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि दोनों देशों के बीच संबंध बेहद गहरे और ‘‘विशेष’’ हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि ‘‘कभी-कभी ऐसे पल आते हैं, लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है।’’

व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में पत्रकारों से बातचीत में ट्रंप ने कहा, ‘‘मैं हमेशा (नरेन्द्र) मोदी का दोस्त रहूंगा। वह शानदार प्रधानमंत्री हैं। हालांकि, मुझे इस समय उनके द्वारा किए जा रहे कुछ फैसले पसंद नहीं आ रहे। लेकिन भारत और अमेरिका के बीच विशेष रिश्ता है। बस कभी-कभी तनाव आता है, मगर वह अस्थायी होता है।’’

ट्रंप से सवाल पूछा गया था कि क्या वह भारत के साथ रिश्तों को सुधारने के लिए तैयार हैं, क्योंकि मौजूदा हालात पिछले दो दशकों के सबसे चुनौतीपूर्ण माने जा रहे हैं। जवाब में उन्होंने भारत के रूस से बड़े पैमाने पर तेल खरीदने पर नाराजगी भी जताई।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे बहुत निराशा है कि भारत रूस से इतना तेल खरीद रहा है। मैंने यह बात मोदी को बता दी है। इसी वजह से हमने भारत पर 50 प्रतिशत तक शुल्क लगाया है। मेरे मोदी से अच्छे रिश्ते हैं। वह कुछ महीने पहले यहां आए थे। लेकिन यह तेल आयात चिंता का विषय है।’’

दरअसल हाल ही में ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा था कि ‘‘लगता है हमने भारत और रूस को चीन के हाथों खो दिया है।’’ इस पोस्ट के साथ उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की एक पुरानी तस्वीर भी साझा की थी। यह टिप्पणी ऐसे समय आई, जब शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में मोदी, पुतिन और शी चिनफिंग की आपसी गर्मजोशी वैश्विक सुर्खियों में रही।

व्यापार वार्ताओं पर पूछे गए सवाल के जवाब में ट्रंप ने कहा, ‘‘भारत समेत अन्य देशों के साथ हमारी बातचीत अच्छी चल रही है। यूरोपीय संघ से हमें कुछ शिकायतें हैं, खासकर हमारी बड़ी कंपनियों जैसे गूगल को लेकर, लेकिन भारत-अमेरिका व्यापार बातचीत सकारात्मक दिशा में है।’’

इस बीच, ट्रंप प्रशासन के शीर्ष सलाहकारों ने भारत पर तीखे बयान दिए।

  • पीटर नवारो (वरिष्ठ सलाहकार, व्यापार व विनिर्माण) ने सोशल मीडिया पर लिखा कि भारत रूस से तेल खरीदकर सिर्फ मुनाफा कमा रहा है और यह पैसा रूस की युद्ध क्षमता को मजबूत कर रहा है। उनके अनुसार, ‘‘भारत सच्चाई से मुंह मोड़ रहा है और अमेरिकी करदाताओं पर बोझ डाल रहा है।’’

  • केविन हैसेट (नेशनल इकनॉमिक काउंसिल के निदेशक) ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति और उनकी व्यापारिक टीम इस बात से निराश हैं कि भारत रूस-यूक्रेन युद्ध को परोक्ष रूप से आर्थिक मदद पहुंचा रहा है। यह कूटनीतिक मुद्दा है और उम्मीद है कि जल्द सकारात्मक प्रगति होगी।’’

ट्रंप के इन बयानों से यह साफ है कि भले ही अमेरिका को भारत के कुछ फैसलों पर आपत्ति हो, लेकिन दोनों देशों के रिश्ते ‘‘विशेष’’ हैं और मतभेदों के बावजूद साझेदारी कायम है।