न्यूयॉर्क/वॉशिंगटन
अमेरिकी विदेश सचिव मार्को रूबियो ने कहा कि चीन जो रूसी तेल खरीद रहा है, उसे बीजिंग में परिष्कृत किया जा रहा है और इसके बाद यह परिष्कृत तेल वैश्विक बाजार में बेचा जाता है।
रूबियो ने रविवार को फॉक्स बिज़नेस को दिए इंटरव्यू में कहा, "यदि आप देखें तो जो तेल चीन जा रहा है और वहां परिष्कृत हो रहा है, उसका बहुत हिस्सा फिर यूरोप में बेचा जा रहा है। यूरोप अभी भी प्राकृतिक गैस खरीद रहा है। कुछ देश इससे दूर होने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन यूरोप अपने प्रतिबंधों को लेकर और अधिक कर सकता है।"
जब उनसे पूछा गया कि क्या यूरोप अभी भी रूसी तेल खरीद रहा है, तो उन्होंने कहा कि हाँ, यह एक मुद्दा है।
रूबियो ने यह भी कहा कि अगर यूरोप को सीधे तौर पर प्रतिबंधों का सामना करना पड़े, तो यह स्पष्ट नहीं है, लेकिन सेकेंडरी सैंक्शन्स के प्रभाव अवश्य पड़ेंगे। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, "यदि आप किसी देश पर सेकेंडरी सैंक्शन्स लगाते हैं – जैसे कि रूस से तेल की बिक्री को चीन तक सीमित करने के लिए – तो चीन उस तेल को परिष्कृत कर देता है। फिर वह तेल वैश्विक बाजार में बेचा जाता है, और जो भी इसे खरीदता है, उसे अधिक भुगतान करना पड़ेगा या उसे वैकल्पिक स्रोत ढूंढना पड़ेगा।"
रूबियो ने आगे बताया कि अमेरिकी सीनेट में प्रस्तावित बिल में चीन और भारत पर सौ प्रतिशत शुल्क लगाने का विचार था, और उन्होंने कुछ यूरोपीय देशों से इस पर चिंता की खबरें सुनीं। हालांकि, उन्होंने कहा कि वे इस मामले पर यूरोपीय देशों के साथ टकराव नहीं चाहते।
उन्होंने निष्कर्ष निकाला, "मुझे लगता है कि यूरोप इस मामले में एक सकारात्मक और रचनात्मक भूमिका निभा सकता है, ताकि हम सही दिशा में आगे बढ़ सकें।"