रूस में ब्रिक्स फोरम: कश्मीरी राजनीतिक नेता मीर जुनैद ‘सीमा पार आतंकवाद’ पर जमकर बरसे

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 28-04-2024
 Mir Junaid
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ग्रोज्नी, रूस. श्रीनगर के एक राजनीतिक नेता मीर जुनैद ने रूस के ग्रोज्नी में आयोजित ब्रिक्स फोरम में अपने संबोधन के दौरान वैश्विक एकता का एक शक्तिशाली संदेश दिया. जुनैद के बयान ने स्पष्ट रूप से सीमा पार आतंकवाद, हिंसा, बाहरी आक्रमण और कलह के सभी रूपों को खारिज कर दिया. इसके बजाय शांति और समृद्धि की एक बड़ी दृष्टि की वकालत की.

ब्रिक्स बैठक में कई वैश्विक नेताओं, राजनयिकों, सरकारी अधिकारियों और सांस्कृतिक प्रभावकों की उपस्थिति देखी गई. जम्मू कश्मीर वर्कर्स पार्टी के अध्यक्ष के रूप में, जुनैद ने विपरीत परिस्थितियों पर काबू पाने में विविधता और समन्वित संस्कृतियों की ताकत पर जोर दिया.

अपने संबोधन में, जुनैद ने टिप्पणी की, ‘‘मैं भारत का पुत्र हूं, इसकी विविध पच्चीकारी में एक अनमोल रत्न हूं. सदियों से, यह क्षेत्र विविध धर्मों, जातियों और संस्कृतियों का शांतिपूर्वक सह-अस्तित्व का मिश्रण रहा है. हिंदू, मुस्लिम, सिख, और बौद्धों ने न केवल पड़ोस साझा किया है, बल्कि एक-दूसरे के त्योहार भी मनाए हैं और एक-दूसरे के नुकसान पर शोक भी मनाया है, यह कश्मीर की पवित्र संस्कृति है, जहां मस्जिद और मंदिर अक्सर एक साथ खड़े होते हैं, एक सामंजस्यपूर्ण सिम्फनी की गूंज है.’’

जुनैद ने कहा, ‘‘भारत संस्कृतियों, धर्मों और भाषाओं से समृद्ध एक देश है, जो प्रचुर विविधता वाले परिवार की तरह है और कश्मीर निस्संदेह इसका एक अभिन्न और पोषित हिस्सा है, जो एक समृद्ध इतिहास और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का दावा करता है.’’

भारत और रूस दोनों के नेतृत्व की सराहना करते हुए, जुनैद ने अपने-अपने क्षेत्रों में समावेशिता और एकता को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चेचन नेता रमजान कादिरोव के प्रयासों की सराहना की. कश्मीर और चेचन्या के लचीलेपन के बीच समानताएं दर्शाते हुए उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शांति सिर्फ एक आकांक्षा नहीं है, बल्कि दृढ़ संकल्प और राष्ट्रीय वफादारी का एक ठोस परिणाम है.

बाहरी आक्रमण और सीमा पार आतंकवाद से उत्पन्न चुनौतियों को संबोधित करते हुए, जुनैद ने पड़ोसी देशों के कार्यों की आलोचना की, जिन्होंने कश्मीर की सहिष्णुता के ढांचे को अस्थिर करने की कोशिश की है. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हिंसा, आतंकवाद और कलह फैलाने वाली संस्थाओं के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने का आह्वान किया, जो क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता को कमजोर करते हैं.

मीर जुनैद ने कहा, ‘‘जैसा कि हम अंतरराष्ट्रीय सहयोग और विकास के लिए समर्पित इस मंच पर एकत्रित होते हैं, हमें कश्मीर और चेचन्या के अनुभवों से अंतर्दृष्टि प्राप्त करनी चाहिए. ब्रिक्स जैसे वैश्विक मंचों के लिए यह जरूरी है कि वे विभाजनकारी बाहरी ताकतों के खिलाफ अपनी एकजुटता की रक्षा करने वाले समाजों को पहचानें और उनका समर्थन करें.’’

जुनैद ने असहिष्णुता और उग्रवाद के खिलाफ एक रणनीतिक उपकरण के रूप में सांस्कृतिक कूटनीति के लिए एक अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धता का आह्वान किया, उपस्थित लोगों से एक अधिक शांतिपूर्ण और समृद्ध दुनिया बनाने के लिए विविध संस्कृतियों की सामूहिक शक्ति का उपयोग करने का आग्रह किया.

उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘विविधता की समृद्धि में राष्ट्रों की ताकत निहित है.’’ उन्होंने निष्कर्ष निकाला, ‘‘हमें इस विविधता को न केवल विरासत के रूप में बल्कि हमारे वैश्विक भविष्य की नींव के रूप में संजोना, संरक्षित करना और जश्न मनाना चाहिए.’’

 

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