अपरा हार्बर (गुआम)
ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका की सेनाओं ने 10 से 18 नवम्बर के बीच गुआम द्वीप और उसके आसपास मलाबार अभ्यास 2025 का आयोजन किया। यह वर्ष इस बहुपक्षीय समुद्री अभ्यास का 29वां संस्करण है, जिसकी शुरुआत 1992 में भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय अभ्यास के रूप में हुई थी। समय के साथ इसकी जटिलता और दायरा बढ़ता गया और अब इसमें जापान और ऑस्ट्रेलिया भी शामिल हैं।
यह छठी बार है जब चारों देश एक साथ मलाबार अभ्यास में शामिल हुए, जिसका उद्देश्य उन्नत युद्धक रणनीतियों, संयुक्त योजना, एकीकरण और संचालन क्षमता को बढ़ाना है। डेस्ट्रॉयर स्क्वाड्रन 15 के कमोडोर कैप्टन डेव हुलजैक ने सभी प्रतिभागियों, विशेषकर गुआम के मेजबानों और ऑस्ट्रेलिया, भारत तथा जापान की नौसेनाओं को धन्यवाद देते हुए कहा कि बीते सप्ताह संयुक्त बलों में उल्लेखनीय समन्वय और आपसी सीख देखने को मिली है।
यह बहु-राष्ट्र समुद्री अभ्यास उन्नत युद्धाभ्यास, पनडुब्बी रोधी अभियान, सतह रोधी अभियान, सूचना साझाकरण, समुद्री संचालन और विभिन्न विषय विशेषज्ञ आदान-प्रदान के माध्यम से सेनाओं की पारस्परिक संचालन क्षमता को मजबूत करता है।
भाग लेने वाले प्लेटफॉर्म में शामिल थे—रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी का एएनजैक-क्लास फ्रिगेट HMAS Ballarat (FFH 155), भारतीय नौसेना का शिवालिक-क्लास स्टील्थ फ्रिगेट INS सह्याद्री (F 49), जापान समुद्री आत्मरक्षा बल का हयूगा-क्लास हेलिकॉप्टर डेस्ट्रॉयर JS Hyuga (DDH 181), तथा अमेरिका की ओर से P-8A पोसीडॉन विमान, एक पनडुब्बी, विस्फोटक निष्प्रभावीकरण यूनिट और अर्ले बर्क-क्लास गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर USS Fitzgerald (DDG 62)।
इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए चारों देशों की नौसेनाएँ नियमित रूप से संयुक्त अभियानों का संचालन करती हैं। इस वर्ष अभ्यास का नेतृत्व अमेरिका ने किया, जबकि मलाबार के नेतृत्व और स्थान को हर वर्ष सहभागी देशों के बीच घुमाया जाता है ताकि पश्चिमी प्रशांत और हिंद महासागर में संयुक्त क्षमता का प्रदर्शन किया जा सके।
अमेरिकी 7वीं फ्लीट—जो नौसेना की सबसे बड़ी अग्रिम तैनात फ्लीट है—नियमित रूप से क्षेत्रीय सहयोगियों के साथ संचालन कर ‘मुक्त और खुला इंडो-पैसिफिक’ सुनिश्चित करती है।