सऊदी अरब ने रचा इतिहास, देश की पहली अरबी महिला अंतरिक्ष यात्रा पर रवाना

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 22-05-2023
सऊदी अरब ने रचा इतिहास, देश की पहली अरबी महिला अंतरिक्ष यात्रा पर रवाना
सऊदी अरब ने रचा इतिहास, देश की पहली अरबी महिला अंतरिक्ष यात्रा पर रवाना

 

आवाज द वाॅयस / रियाद

सऊदी अरब के इतिहास में यह घटना सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गई. देश की पहली अरब महिला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए रवाना हो गई.इसके चालक दल में सऊदी अंतरिक्ष यात्री रय्याना बरनावी व अली अल-कर्नी शामिल हैं. उन्होंने सोमवार को स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट में स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान पर सवार होकर केप कैनावेरल के कैनेडी स्पेस सेंटर से आईएसएस के लिए उड़ान भरी. 

स्तन कैंसर शोधकर्ता रय्यान बरनावी अंतरिक्ष की यात्रा करने वाली पहली अरब महिला बन गई हैं. उनके साथी अली अल-कर्नी भी सऊदी हैं. वह बतौर लड़ाकू पायलट मिशन में शामिल हुए हैं.
 
उनकी लांन्चिंग एक विशेष मिशन के तौर पर हुई है, जिसे एक्सिओम 2 कहा गया है.सऊदी अंतरिक्ष यात्री अमेरिकी पैगी व्हिटसन, फ्लाइट कमांडर और पायलट जॉन शॉफनर के साथ यात्रा कर रहे हैं.
 
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बरनावी ने हाल में एक समाचार सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा था, पहली सऊदी महिला अंतरिक्ष यात्री होने के नाते, इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए, बहुत खुशी और गर्व महसूस हो रहा है.
अल-कर्नी का भी यह मिशन एक लंबे जुनून का नतीजा है.वे आईएसएस पर लगभग 8 दिन बिताने वाले हैं.वे संयुक्त अरब अमीरात के अरब अंतरिक्ष यात्री सुल्तान अल नेयादी के मिशन में भी शामिल होंगे, जो वर्तमान में छह महीने के मिशन पर आईएसएस पर हैं. अरब दुनिया का यह पहला लंबी अवधि का अंतरिक्ष मिशन है.
 
सऊदी प्रेस एजेंसी (एसपीए) के अनुसार, टीम मानव अनुसंधान, कोशिका विज्ञान और माइक्रोग्रैविटी वातावरण में क्लाउड सीडिंग प्रयोगों पर ध्यान केंद्रित करते हुए 14 प्रयोग करेगी.
 

किए जाने वाले वैज्ञानिक प्रयोग हैं


  1. -टेलोमेयर की लंबाई में बदलाव
  2. -इंट्राकनाल दबाव माप
  3. ऑप्टिक तंत्रिका म्यान व्यास को मापना
  4. -माइक्रोग्रैविटी में क्लाउड सीडिंग
  5. -कोशिका विज्ञान
  6. -रक्त परीक्षण के माध्यम से महत्वपूर्ण संकेतों को मापना
  7. -विद्युत गतिविधि को मापने के लिए इलेक्ट्रोएन्सेफेलोग्राम का उपयोग करना
  8. -सेरेब्रल परफ्यूजन स्कैनिंग और माइक्रोग्रैविटी में मस्तिष्क की स्थिति में बदलाव
मिशन में सऊदी अरब की भागीदारी का उद्देश्य किंगडम में अंतरिक्ष विज्ञान शिक्षा का विस्तार करना है. सऊदी पुरुष और महिला छात्र अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर किए गए वैज्ञानिक प्रयोगों में भाग लेंगे.

यह मिशन सऊदी अरब के विजन 2030 का भी हिस्सा है. यह एक सुधार कार्यक्रम है, जो देश की तेल पर निर्भरता को कम कर सऊदी युवाओं के लिए रोजगार सृजित करने के रास्ते खोलेगा.

 
सितंबर 2022 में, सऊदी अंतरिक्ष आयोग ने अंतरिक्ष यात्रियों के लिए किंगडम का कार्यक्रम शुरू किया, जिसमें लक्ष्य शामिल थे, सऊदी कैडरों को लंबी और छोटी अवधि की अंतरिक्ष उड़ानों के लिए योग्य बनाना, वैज्ञानिक प्रयोगों में भाग लेना, अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान और भविष्य के अंतरिक्ष-संबंधी मिशन.
 

ध्यान रहे कि मिशन अंतरिक्ष में सऊदी अरब की यह पहली हिस्सेदारी नहीं है. इससे पहले 1985 में वायु सेना में पायलट प्रिंस सुल्तान बिन सलमान बिन अब्दुलअजीज ने संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा आयोजित एक अंतरिक्ष उड़ान में भाग लिया था.