मिलिए, डॉ शेख मुना अफरोज से, भारत की पहली मुस्लिम महिला गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट सर्जन

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 04-06-2023
मिलिए, डॉ शेख मुना अफरोज से, भारत की पहली मुस्लिम महिला गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट सर्जन
मिलिए, डॉ शेख मुना अफरोज से, भारत की पहली मुस्लिम महिला गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट सर्जन

 

औरंगाबाद. कड़ी मेहनत में विश्वास रखने वालों को सफलता मिलती है और यह वाक्य डॉ शेख मुना अफरोज के मामले में फिट बैठता है, जो अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में शामिल होने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. वे संभवतः भारत में पहली मुस्लिम महिला गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट (जीआई) सर्जन बन गई हैं.

युवाओं के लिए एक संदेश में, डॉ मुना कहती हैं, ‘‘दृढ़ता और दृढ़ संकल्प सफलता की कुंजी हैं. मैंने अनुभव किया है कि मेरे निरंतर प्रयासों ने मुझे सफलता के रास्ते में आने वाली हर बाधा को पार करने में सक्षम बनाया है.’’ एक अकादमिक सर्जन बनने का इरादा रखते हुए, उन्होंने रोगी देखभाल, शिक्षण और अनुसंधान के बीच एक इष्टतम संतुलन बनाया. उन्होंने पांच से अधिक अनुक्रमित शोध प्रकाशनों का लेखन किया है.

मुना ने कई सम्मेलनों में अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए हैं और कई पुरस्कार जीते हैं. उनकी प्रेरणा उनके दादाजी हैं, जो एक जनरल सर्जन हैं और 1967 से समुदाय की सेवा कर रहे हैं.

डॉ अफरोज महाराष्ट्र के औरंगाबाद से हैं और उन्होंने आईएनआई-2023 में एमसीएच जीआई-एचपीबी सर्जरी में तीसरा ऑल इंडिया रैंक हासिल किया और उन्होंने 2021 में मिनिमल इनवेसिव सर्जरी फेलोशिप के लिए ऑल इंडिया रैंक - 10 भी हासिल किया. इससे पहले, उसने 93वीं रैंक हासिल करके सीईटी-यूजी में सफलता प्राप्त की और 2017 में जीएमसी औरंगाबाद से एमबीबीएस पूरा किया था.

2022 में, उन्होंने ब्रिटेन के एडिनबर्ग में रॉयल कॉलेज ऑफ सर्जन्स की सदस्यता हासिल की. 2022 में दुबई हेल्थ अथॉरिटी (यूएई) से लाइसेंसिंग परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद, डॉ. मुना को वर्तमान में भारत, संयुक्त अरब अमीरात और यूनाइटेड किंगडम में चिकित्सा का अभ्यास करने का लाइसेंस प्राप्त है.

 

ये भी पढ़ें :