स्टैंड अप इंडिया योजना से महिला उद्यमियों के हौसलों को मिल रही नई उड़ान

Story by  मंजीत ठाकुर | Published by  [email protected] | Date 28-05-2022
आसिया बिन गुलशन
आसिया बिन गुलशन

 

मंजीत ठाकुर/ नई दिल्ली

हैदराबाद की आसिया बिन गुलशन केटरिंग ईवेंट के काम से जुड़ी हुई हैं. उन्होंने विभिन्न आयोजनों के लिए कुर्सियों, बर्तनों की आपूर्ति के वास्ते अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने के लिए आंध्रा बैंक की चारमीनार शाखा से कर्ज लेने का आवेदन किया. उनके पति भी बेरोजगार हैं.

आसिया के कारोबार में मदद के लिए वह भी आगे आए. उन्हें दैनिक खर्चों को पूरा करने के लिए वर्किंग केपिटल तथा टर्म लोन मंजूर किया गया. आसिया की प्रस्तावित इकाई प्राइम एरिया में स्थित है और वहां उनकी कोई प्रतिस्पर्धी इकाई भी नहीं है. ऐसे में आसिया अपने व्यवसाय की सफलता के प्रति पूर्ण आश्वस्त है.

ऐसी ही कहानी गुजरात के सूरत के उतरन में राधे रेजिडेंसी में रहने वाली सोनलबेन सुरेशभाई रूपारा की है. सोनलबेन ने स्टैंड-अप इंडिया के तहत पुराना जीआईडीसी, कटारगाम, सूरत में उत्पादन कार्य के लिए कशीदाकारी मशीनों की खरीद के लिए ऋण का आवेदन किया.

सोनलबेन ने स्टैंड-अप इंडिया के ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन किया और बैंक ने उनकी जरूरत के मुताबिक 39 लाख रुपये का ऋण टर्म लोन के रूप में दिया. सोनलबेन का कारोबार अब धड़ल्ले से चल रहा है. वह अपने काम के लिए नियमित रूप से न केवल पर्याप्त नकदी का प्रवाह भी बना रही है बल्कि ब्याज और किश्त भी चुका रही है. साथ ही वह अपनी इकाई में 5 से 8 व्यक्तियों को रोजगार भी दे रही हैं.

हैजराबाद की आसिया हो या सूरत की सोनलबेन महिलाओं की तरक्की के रास्ते केंद्र सरकार की स्टैंड अप योजना से खुल रही है. स्टैंड अप इंडिया योजना आर्थिक सशक्तिकरण और रोजगार सृजन पर ध्यान केंद्रित करते हुए जमीनी स्तर पर उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए  2016 को शुरू की गई थी. इस योजना को जमीनी स्तर पर असरदार देखते अब 2025 तक बढ़ा दिया गया है.

इस योजना के तहत पिछले छह साल के दौरान उद्यम लगाने वाली एक लाख से अधिक महिलाएं लाभान्वित हुईं हैं. स्टैंड अप इंडिया योजना के तहत 21 मार्च, 2022 तक 133,995 खातों को कुल 30,160 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं.

प्रधानमंत्री मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का नारा दिया है और उसके साथ ही देश में उद्यमियों, खासकर महिला, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों का आगे आने की दर भी बढ़ी है. ऐसे उद्यमी देश भर में फैले हुए हैं. स्टैंड अप इंडिया योजना एससी, एसटी और महिला उद्यमियों के सपनों को साकार करने के लिए उनकी मदद करता है.

सूरत की सोनलबेन

स्टैंड अब योजना का मकसद महिलाओं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के बीच उद्यमिता को बढ़ावा देना और मैन्युपैक्चरिंग, सेवाओं या कारोबार में ग्रीनफील्ड उद्यमों तथा कृषि से संबद्ध क्षेत्र और गतिविधियों के लिए कर्ज मुहैया कराना है.

इसके लिए केंद्र सरकार ने अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक की हर बैंक शाखा में कम से कम एक अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति की महिला को 10लाख रुपये से 1करोड़ रुपये के बीच बैंक ऋण की सुविधा देना अनिवार्य कर दिया है.

स्टैंड-अप इंडिया योजना के जरिए ऐसा व्यवस्था तैयार करने की कोशिश की जा रही है जो उन्हें कारोबार स्थापित करने में मदद करे. इस योजना के तहत कर्ज को सीधे शाखा से, स्टैंड-अप इंडिया पोर्टल के माध्यम से और लीड जिला प्रबंधक के माध्यम से हासिल किया जा सकता है.

इस योजना के तहत, कोई भी बालिग एससी/एसटी और/या महिला उद्यमी को कर्ज मिल सकता है. यह कर्ज केवल ग्रीनफील्ड क्षेत्र की परियोजनाओं के लिए उपलब्ध होते हैं. इस मामले में ग्रीनफील्ड का अर्थ हुआ कि मैन्युफैक्चरिंग, सेवाओं या व्यापार क्षेत्र और कृषि से जुड़ी गतिविधियों में वह अपनी तरह का पहला उद्यम होना चाहिए.

गैर-व्यक्तिगत उद्यमों के मामले में, 51प्रतिशत शेयरधारिता और नियंत्रण हिस्सेदारी. • अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति और/या महिला उद्यमी की होनी चाहिए.

वित्त वर्ष 2021-22के बजट में स्टैंड-अप इंडिया योजना में कुछ परिवर्तन किए गए हैं.

इसमें उधारकर्ता द्वारा लगाई जाने वाली मार्जिन मनी की सीमा को परियोजना लागत का 25प्रतिशत के घटा कर 15प्रतिशत तक कम कर दिया गया है. हालांकि, उधारकर्ता को परियोजना लागत का कम से कम 10प्रतिशत स्वयं के योगदान के रूप में रखना होगा.

कृषि से संबद्ध गतिविधियों में उद्यमों के लिए ऋण, जैसे मछलीपालन, मधुमक्खी पालन, मुर्गी पालन, पशुधन, पालन, ग्रेडिंग, छंटाई, उद्योग, डेयरी, कृषि और कृषि व्यवसाय केंद्र, खाद्य और कृषि प्रसंस्करण, और इनकी मदद करने वाली सेवाएं, योजना के तहत कवरेज के लिए पात्र हैं.

क्रेडिट सुविधा प्रदान करने के अलावा, स्टैंड अप इंडिया योजना में संभावित उधारकर्ताओं का हाथ थाम कर मदद करने की परिकल्पना की गई है. इसके अलावा केंद्र/राज्य सरकार की योजनाओं के साथ साझे का प्रावधान भी किया गया है. इस योजना के तहत आवेदन ww.standupmitra.in पोर्टल पर ऑनलाइन भी किया जा सकता है.

स्टैंड-अप इंडिया योजना के लिए भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक द्वारा विकसित संभावित उधारकर्ताओं को ऋण के लिए बैंकों से जोड़ने के अलावा ऑनलाइन पोर्टल https://www.standupmitra.in/ संभावित उद्यमियों को प्रशिक्षण से लेकर बैंक की आवश्यकताओं के अनुरूप ऋण के आवेदन फॉर्म भरने तक व्यावसायिक उद्यम स्थापित करने के उनके प्रयास में मार्गदर्शन भी प्रदान करती है.

स्टैंड अप योजना के तहत एससी/एसटी और महिला वर्ग अब रोजगार मांगने वाले नहीं बल्कि रोजगार देने वाले वर्ग में तब्दील हो सकता है.