अमीना माजिद / नई दिल्ली
पुरूष प्रधान समाज में महिलाओं को अपना अधिकार और पद पाने के लिए काफी दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं . मगर देश की राजधानी दिल्ली की जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी इसके ठीक उलट है. जानकर हैदरानी होगी कि विवि प्रशासन को न केवल महिला अधिकारियों ने संभाल रखा है, पढ़ाई में भी यहां की छात्राएं छात्रों पर भारी हैं.
जामिया हमदर्द के कुलपति मोहम्मद अफसर आलम गर्व से कहते हैं, ‘‘यहां लिंगों को लेकर कोई भेद नहीं. काबिलियत के हिसाब से जिम्मेदारियां सौंपी जाती हैं.’’जामिया हमदर्द से मिली जानकारी के अनुसार, विवि प्रशासन में 60 प्रतिशत महिलाएं हैं. यहां तक कि डीन, टीचर्स और डीएसडब्ल्यू जैसी जिम्मेदारी भी महिला अधिकारियों ने संभाल रखी है.
विवि परिसर में दाखिल होते ही एहसास हो जाएगा कि यहां महिलाओं को खास तरजीह दी जाती है. यहां तक कि विवि की छात्राएं भी छात्राओं से पढ़ाई में बढ़िया कर रही हैं.कुलपति अफसर आलम के अनुसार, ‘‘ परीक्षाओं के रिजल्ट में भी छात्राओं का दबदबा रहता है. टाॅप 10 में छात्राएं ही रहती हैं. यहां तक कि प्लेसमेंट में भी छात्राओं का प्रतिशत अधिक होता है.’’
कुलपति कहते हैं,जामिया हमदर्द में inclusivess को बढ़ावा दिया जाता है . gender equity पर भेदभाव को खत्म कर दिया गया है. जामिया हमदर्द के administration में 60% महिलाएं है जिसमें Dean भी हैं.
मोहम्मद अफसर का कहना है कि महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए उन्हें शिक्षित करना बहुत जरूरी है. और उन्हें self-independent बनाना बहुत जरूरी है. जामिया हमदर्द में टॉप 10 या toppers जो होती है वो लड़कियां ही है, जिनका placement भी अच्छा हो रहा है, जिसका आने वाली पीड़ी को लाभ मिलेगा. इसका ख्याल विवि के founder ने शुरू से रखा है.