75 साल की दोस्ती को नई उड़ान: मोदी–किंग अब्दुल्ला की अहम मुलाकात

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 16-12-2025
75 years of friendship takes a new leap: Modi and King Abdullah's important meeting.
75 years of friendship takes a new leap: Modi and King Abdullah's important meeting.

 

आवाज द वाॅयस/ अम्मान

अम्मान में सोमवार को जॉर्डन के सम्राट हिज़ मैजेस्टी किंग अब्दुल्ला द्वितीय और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच अल-हुसैनिया पैलेस में महत्वपूर्ण द्विपक्षीय वार्ता हुई। इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत–जॉर्डन सहयोग को नई ऊंचाइयों तक ले जाने, खासकर आर्थिक, औद्योगिक और तकनीकी क्षेत्रों में साझेदारी को मजबूत करने के उपायों पर विस्तार से चर्चा की।

राजकीय दरबार (रॉयल कोर्ट) की ओर से जारी बयान के अनुसार, किंग अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री मोदी का जॉर्डन आगमन पर गर्मजोशी से स्वागत करते हुए कहा कि यह यात्रा दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग के नए रास्ते खोलने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। उन्होंने विशेष रूप से उद्योग, सूचना प्रौद्योगिकी और उभरते क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाओं को रेखांकित किया।

वार्ता में जॉर्डन के प्रधानमंत्री जाफ़र हसन भी मौजूद रहे। इस अवसर पर किंग अब्दुल्ला ने भारत और जॉर्डन के बीच 75 वर्षों से अधिक पुराने मजबूत और भरोसेमंद संबंधों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि यह साझेदारी समय की कसौटी पर खरी उतरी है और दोनों देशों के बीच होने वाले सहयोग समझौते और समझौता ज्ञापन (MoUs) इस रिश्ते को और मजबूती प्रदान करेंगे।
 

किंग अब्दुल्ला ने अम्मान में मंगलवार को प्रस्तावित जॉर्डन–भारत बिज़नेस फोरम को भी अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि यह मंच व्यापारिक सहयोग बढ़ाने, निवेश आकर्षित करने और ऊर्जा, उद्योग, तकनीक जैसे अहम क्षेत्रों में मजबूत साझेदारी विकसित करने का अवसर देगा। उनके अनुसार, दोनों देश निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाकर साझा विकास के नए मॉडल तैयार कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर किंग अब्दुल्ला के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा,“1.4 अरब भारतीयों की ओर से, मैं मुझे और मेरे प्रतिनिधिमंडल को दिए गए इस आत्मीय और गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए हृदय से धन्यवाद देता हूं।”

उन्होंने कहा कि उनकी यह यात्रा भारत और जॉर्डन के संबंधों को और गहरा करेगी।प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देते हुए कहा कि भारत व्यापार, उर्वरक, डिजिटल टेक्नोलॉजी और आधारभूत ढांचे जैसे क्षेत्रों में जॉर्डन के साथ द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने दोनों देशों के बीच आर्थिक साझेदारी को भविष्य की विकास आवश्यकताओं के अनुरूप ढालने की आवश्यकता पर भी बल दिया।

वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने क्षेत्रीय मुद्दों पर किंग अब्दुल्ला की भूमिका की भी सराहना की। विशेष रूप से उन्होंने ग़ज़ा में जारी हालात को लेकर किंग के सकारात्मक और संतुलित प्रयासों की प्रशंसा की और कहा कि पश्चिम एशिया में स्थायी शांति और स्थिरता बेहद आवश्यक है।

दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय घटनाक्रमों, मध्य पूर्व में स्थिरता बहाल करने के प्रयासों और राज्यों की संप्रभुता के सम्मान की आवश्यकता पर भी चर्चा की। साथ ही, ग़ज़ा में मानवीय सहायता बढ़ाने और युद्ध समाप्त करने से जुड़े समझौतों के प्रभावी क्रियान्वयन पर भी विचार-विमर्श हुआ।

प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा के दौरान भारत और जॉर्डन की सरकारें कई अहम क्षेत्रों में समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करने जा रही हैं। इनमें नवीकरणीय ऊर्जा,जल संसाधन प्रबंधन,सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम,
 

डिजिटल परिवर्तन के क्षेत्र में सहयोग पर आशय पत्र,और भारत के एलोरा गुफा स्थल तथा जॉर्डन के ऐतिहासिक शहर पेट्रा के बीच ट्विनिंग एग्रीमेंट शामिल हैं।इन समझौतों को दोनों देशों के बीच सभ्यतागत, सांस्कृतिक और तकनीकी संबंधों को और गहरा करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।

बैठक में जॉर्डन के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री अयमान सफ़दी, किंग के कार्यालय के निदेशक अला बटायनेह, उद्योग, व्यापार और आपूर्ति मंत्री तथा ऑनर गार्ड के प्रभारी यारूब क़ुदाह, जॉर्डन में भारत के राजदूत मनीष चौहान और प्रधानमंत्री मोदी के साथ आया भारतीय प्रतिनिधिमंडल भी उपस्थित रहा।

इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर अम्मान पहुंचने की जानकारी साझा करते हुए लिखा कि वे जॉर्डन की राजधानी पहुंच चुके हैं और हवाई अड्डे पर मिले गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए प्रधानमंत्री जाफ़र हसन का आभार व्यक्त किया। उन्होंने विश्वास जताया कि यह यात्रा दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करेगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने अम्मान में भारतीय समुदाय द्वारा किए गए स्वागत पर भी गहरी प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीयों की सच्ची भावनाएं, भारत की प्रगति पर उनका गर्व और उनकी मजबूत सांस्कृतिक जड़ें, भारत और उसके प्रवासी समुदाय के बीच गहरे और स्थायी संबंधों को दर्शाती हैं। उन्होंने भारत–जॉर्डन संबंधों को मजबूत करने में भारतीय समुदाय की निरंतर भूमिका के लिए भी आभार प्रकट किया।

कुल मिलाकर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह जॉर्डन यात्रा केवल एक राजनयिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि भारत–जॉर्डन रणनीतिक साझेदारी को नए आयाम देने वाली यात्रा के रूप में देखी जा रही है, जो आने वाले वर्षों में दोनों देशों के संबंधों को और अधिक व्यापक और मजबूत बनाएगी।