जन्मदिन विशेष : जब आमिर खान के परदादा मौलाना आजाद ने चुनाव में शाहरुख खान के पिता ताज मोहम्मद को बड़े अंतर से हराया

Story by  मंजीत ठाकुर | Published by  [email protected] • 1 Years ago
आमिर खान और शाहरुख खान
आमिर खान और शाहरुख खान

 

मंजीत ठाकुर

 

हिंदी फिल्मों में जिस खान तिकड़ी की तूती पिछले दो दशकों से बोलती आ रही है उसके दो चमकते सितारे हैं आमिर खान और शाहरुख खान.

 

आपको यह जानकर काफी हैरत होगी कि इन दोनों की ही सितारों का स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों के पारिवारिक रिश्ता रहा है. आमिर खान के परदादा ने तो शाहरुख खान के पिता के खिलाफ लोकसभा चुनाव भी लड़ा था. असल में गुड़गांव (अब गुरुग्राम) लोकसभा सीट पर वह मुकाबला असल में स्वतंत्रता सेनानियों के बीच का चुनाव था. दोनों को कितने वोट मिले यह भी अलग ही रिकॉर्ड है.

 

असल में आमिर खान का रिश्ता तो दो महान आजादी के दीवानों और भारत के महापुरुषों में गिनती आने वाले मौलाना अब्दुल कलाम आजाद और डॉ. जाकिर हुसैन के साथ रहा है.

 

मौलाना आजाद स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री बने थे. वहीं डॉ. जाकिर हुसैन राष्ट्रपति के पद पर आसीन हुए थे.

mualana Azad

 

लेकिन इन महापुरुषों के साथ आमिर के पारिवारिक संबंधों के बारे में बहुत अधिक लोग नहीं जानते हैं. हालांकि, बताते चलें कि वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ. नज़मा हेपतुल्ला के साथ भी आमिर के पारिवारिक रिश्चे हैं.

 

बहुत पहले आमिर ने मौलाना आजाद पर एक फिल्म बनाने का ऐलान भी किया था. लेकिन उनकी यह हसरत अभी तक पूरी नहीं हुई है.

 

Taj Mohammed

 

दूसरी तरफ, पठान हिट कराकर एक बार अपनी बादशाहत कायम करने वाले शाहरुख खान भी स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार से हैं.

 

एक किस्सा बहुत प्रचलित है कि सन चालीस के दशक के उत्तरार्ध में एक शख्स ने एक कार एक्सीडेंट के पीड़ित परिवार की बहुत मदद की थी. खासकर उस परिवार की लड़की की मदद उस शख्स ने की थी. वह शख्स उन दिनों ब्रिटिश सेना में कैप्टन के ओहदे पर थे और कुछ समय बाद ही, जब वह आजाद हिंद फौज (आइएनए) के मेजर जनरल बन गए तो चारों तरफ उनके नाम की धूम मच गई. उनका नाम था जनरल शाहनवाज खान.

 

 

कई जानकारों का दावा है कि जिस लड़की की मदद जनरल (तब कैप्टन) शाहनवाज खान ने की थी, उसका नाम लतीफ फातिमा था. और शाहनवाज खान ने उस लड़की को एक तरह से अपनी गोद ली हुई बेटी बना लिया था. शाहनवाज खान फातिमा को इतना मानते थे कि 1959 में जब उसकी शादी हुई तो वह जनरल शाहनवाज खान के घर पर ही हुई थी.

 

लतीफ फातिमा और उनके शौहर ताज मोहम्मद खान की 1965 में एक बेटा हुआ और वह बेटा भी काफी चमकता सितारा है. नाम है शाहरुख खान. बेशक, शाहनवाज खान का नाम लेते ही जेहन में एक नारा जरूर गूंजता हैः लालकिले से आई आवाज, सहगल, ढिल्लो, शाहनवाज. यह नारा पुराने लोगों के जेहन में आज भी सुरक्षित है.

 

इस तरह जनरल शाहनवाज खान का नाम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है. नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में स्वतंत्र भारतीय सेना के ‘कमांडर-इन-चीफ’ जनरल शाहनवाज खान के बलिदान और कारनामे अभी भी राष्ट्र के लिए एक संपत्ति हैं. जनरल शाहनवाज खान देशभक्ति और राष्ट्रवाद के प्रतीक बने रहे.

 

लेकिन, आज दर्शकों के बीच आमिर खान और शाहरुख खान की सुपरस्टार की छवि की लड़ाई है. दोनों के बीच बॉक्स ऑफिस की बादशाहत की एक रसाकस्सी देखने को मिलती है. लेकिन दोनों के बीच यह प्रतिस्पर्धा उनके बुजुर्गों के बीच भी थी.

 

 

आमिर खान के परदादा मौलाना आजाद और शाहरुख खान के पिता ताज मोहम्मद खान चुनाव मैदान में एक दूसरे के आमने सामने थे. देश में जब दूसरे लोकसभा चुनाव हुए थे तब मौलाना आजाद ने लोकसभा चुनाव गुड़गांव लोकसभी सीट से लड़ी थी.

 

शाहरुख के पिता ताज मोहम्मद खान ने भी वह चुनाव लड़ा था.

 

aamir

 

यह बात और है कि मौलाना आजाद ने यह चुनाव बड़े अंतर से जीता था. उस चुनाव में गुड़गांव में चुनावी मुकाबले में ताज मोहम्मद कहीं दूर दूर तक नहीं थे. मौलाना आजाद ने करीब 67 फीसद वोट मिले थे जबकि भारतीय जनसंघ के उम्मीदवार रहे मूलचंद उप-विजेता रहे और उन्हें करीब 33 फीसद वोट हासिल हुए थे.

 

ताज मोहम्मद खान ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में परचा भरा था. और उन्हें शून्य वोट मिल थे.

 

भले ही. मौलाना आजाद जैसी कद्दावर शख्सियत के सामने जीत पाना मुश्किल था लेकिन लोकतंत्र के इस उत्सव में ताज मोहम्मद ने भी अपनी आहुति दी थी और भले ही वोट मिल नहीं पाए, पर उन्होंने भारतीय लोकतंत्र में अपनी हिस्सेदारी सुनिश्चित की थी.