शेख हसीना का ‘ भारतीय साड़ी-मसाला अभियान‘, बोलीं दम है तो जलाकर दिखाओ

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 02-04-2024
Sheikh Hasina's 'Indian Saree-Masala Campaign', said if you have the guts then show it by burning it
Sheikh Hasina's 'Indian Saree-Masala Campaign', said if you have the guts then show it by burning it

 

आवाज द वाॅयस/नई दिल्ली

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस वक्त उन विपक्षी दलों के खिलाफ एक दिलचस्प ‘भारतीय साड़ी-मसाली’ बचाव अभियान छेड़ रखा है जो इसके बष्किार में लगे हुए हैं.दरअसल, विपक्षी नेता भारत विरोधी भावनाओं को भड़काने की कोशिश में हैं. उनके प्रयास को तब और तीव्रता मिली जब भारत के साथ घनिष्ठ संबंध रखने वाली शेख हसीना ने लगातार चौथी बार चुनाव जीत लिया.

मगर महीनों से खामोश के बाद बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना अब ‘ भारत का बहिष्कार’ अभियान को लेकर विपक्ष पर हमलावर हो गई हैं. हसीना को साड़ी बहुत पसंद है, पर इसका इस्तेमाल अब अपने प्रतिद्वंद्वियों से मुकाबला करने के लिए कर रही  हैं.

हसीना और उनकी अवामी लीग पार्टी के विरोधियों ने उन्हें "भारत समर्थक" करार देने की कोशिश की है.दावा किया है कि भारत ने उन्हें जनवरी में हुए चुनाव जीतने में मदद की.उन्होंने बांग्लादेश के लोगों से भारतीय उत्पादों का बहिष्कार करने की अपील करते हुए एक अभियान शुरू कियाहैं.मुद्दा गरमाने पर महीनों तक चुप रहने के बाद, हसीना ने बांग्लादेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के नेताओं पर हमला बोला और 'भारत का बहिष्कार अभियान' की पटकथा पलट दी.

जनवरी के चुनावों में भारी जीत के बाद सत्ता में आईं हसीना, जिसका बीएनपी ने बहिष्कार किया था, ने बीएनपी नेताओं को सबक सिखाने के लिए 'विनम्र साड़ी' का इस्तेमाल किया, जो सोशल मीडिया पर "भारतीय उत्पादों के बहिष्कार" अभियान का समर्थन कर रहे थे.

शेख हसीना ने विभिन्न उदाहरणों में भारत की "महान मित्र" के रूप में सराहना की है. हसीना ने पिछले हफ्ते पूछा था,"उनकी (बीएनपी नेता की) पत्नियों के पास कितनी भारतीय साड़ियाँ हैं?"ढाका में अवामी लीग कार्यालय में कुछ लोगों को हंसाते हुए हसीना ने आगे पूछा, "बीएनपी नेता #भारतीय उत्पादों का बहिष्कार कर रहे हैं.वे अपनी पत्नियों को क्यों नहीं ले जा रहे हैं?"

हसीना ने बीएनपी पर फेंका साड़ी परीक्षण

हसीना, जो खुद साड़ियों के प्रति अपने प्रेम और उन्हें भारतीय नेताओं को उपहार में देने के लिए जानी जाती हैं, ने विपक्षी नेताओं के लिए एक साड़ी परीक्षण रखा.उन्होंने साड़ी-हमला शुरू करते हुए कहा, "जब वे अपनी पत्नियों की भारतीय साड़ियां अपने पार्टी कार्यालय के सामने जलाएंगे, तभी यह साबित होगा कि वे वास्तव में भारतीय उत्पादों का बहिष्कार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं."

सिर्फ साड़ी टेस्ट ही नहीं, बांग्लादेशी प्रधानमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि बीएनपी नेता और उनकी पत्नियां भारत से साड़ियां खरीदकर बांग्लादेश में बेचती हैं.हसीना ने आरोप लगाया, "जब बीएनपी सत्ता में थी, मैंने उनके नेताओं की पत्नियों को समूहों में भारतीय साड़ियां खरीदने के लिए भारत आते देखा था.वे बांग्लादेश में साड़ियां बेचती थीं."

सिर्फ भारतीय साड़ी नहीं,मसाले भी

शेख हसीना ने सिर्फ भारतीय साड़ी का जिक्र नहीं किया.उ हसीना ने बर्तन में मुट्ठी भर "भारतीय मसाले" भी छिड़के.शेख हसीनाने कहा,"मेरा एक और सवाल है.हम भारत से 'गरम मसाला', प्याज, लहसुन, अदरक और कई अन्य चीजें आयात कर रहे हैं.वे (बीएनपी नेता) भारतीय मसालों के बिना खाना क्यों नहीं बनाते? उन्हें इनके बिना खाना बनाना और खाना चाहिए."

उन्होंने कहा, "उन्हें जवाब देना होगा कि क्या वे बिना मसाले के खाना खा पाएंगे, उन्हें इसका जवाब देना होगा."

बांग्लादेश में भारत का बहिष्कार अभियान

'बॉयकॉट इंडिया' अभियान पर हंगामा ऑनलाइन बढ़ गया. ठीक उसी तरह जैसे मालदीव के 'इंडिया आउट' के मामले में हुआ था.हसीना की जीत के बाद, फरवरी में भारतीय वस्तुओं के प्रति कुछ हद तक प्रतिरोध की घटनाएं सामने आईं.ढाका के बाज़ार, जो आम तौर पर भारतीय उत्पादों से भरे रहते थे, को नई डिलीवरी लेने से मना कर दिया गया.खाना पकाने के तेल, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, प्रसाधन सामग्री, सौंदर्य प्रसाधन और कपड़े जैसे भारतीय उत्पादों की बिक्री में गिरावट देखी गई.

रिपोर्टों के अनुसार, ऑनलाइन अभियान, जिसका नेतृत्व ज्यादातर बांग्लादेशी प्रवासियों और यूरोप और अमेरिका में निर्वासित लोगों ने किया, ने भारतीय उत्पादों का बहिष्कार किया.पेरिस स्थित पिनाकी भट्टाचार्य को 'बॉयकॉट इंडिया' के मुख्य चालकों में से एक कहा जाता है.तब बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी बहिष्कार का आह्वान करने वालों में से नहीं थी.बाद में, बीएनपीके कुछ नेताओं ने समर्थन दिया-

हसीना, अवामी लीग  की आलोचना

बीएनपी भारत के साथ घनिष्ठ संबंधों के लिए शेख हसीना और उनकी पार्टी अवामी लीग की आलोचना करती रही है.इसने बांग्लादेश के आंतरिक मामलों और उसके चुनावों में कथित भारतीय भागीदारी का भी विरोध किया है और कहा है कि जनवरी के चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं थे.

ज्यादातर आभासी दुनिया में मौजूद 'भारत का बहिष्कार' अभियान हाल ही में उस समय सामने आया जब बीएनपी के संयुक्त महासचिव रुहुल कबीर रिज़वी ने अवज्ञा के प्रतीक के रूप में अपना कश्मीरी शॉल फेंक दिया.बीएनपी, जिसने पहले स्पष्ट किया था कि उसका 'भारत बहिष्कार' अभियान से कोई लेना-देना नहीं है, अब साथ चलती दिख रही है.

20 मार्च को जैसे ही बीएनपी के रिजवी ने कश्मीरी शॉल को उछाला, उन्होंने कहा, "लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाली पार्टी के रूप में, बीएनपी और 63लोकतांत्रिक दल और देशभक्त नागरिक भारतीय उत्पादों के बहिष्कार के साथ एकजुटता व्यक्त कर रहे हैं."अवामी लीग ने 'बॉयकॉट इंडिया' पर बीएनपी के अस्थिर रुख की आलोचना की.कहा कि पार्टी "अपनी राह से भटक गई है."

हसीना कैबिनेट के एक मंत्री ओबैदुल कादिर ने ढाका ट्रिब्यून को बताया,“बीएनपी का एक नेता लोकतंत्र को बचाने के लिए भारत की मदद चाहता है, जबकि दूसरा नेता भारतीय उत्पादों के बहिष्कार का आह्वान करता है.एक राजनीतिक दल के रूप में बीएनपी अपना रास्ता खो चुकी है.”

तभी प्रधानमंत्री शेख हसीना कूद पड़ीं और 'बॉयकॉयट इंडिया' अभियान का मुकाबला करने के लिए 'साड़ी सादृश्य' का इस्तेमाल किया, जिसे अब बीएनपी से कुछ समर्थन मिला.टिप्पणी के बाद, बीएनपी नेता गयेश्वर चंद्र रॉय ने शेख हसीना और सत्तारूढ़ अवामी लीग को सबसे बड़ा भारतीय उत्पाद बताया और लोगों से पार्टी और नेता का बहिष्कार करने का आग्रह किया.रॉय ने शुक्रवार को कहा, "देश की जनता भारतीय उत्पाद का बहिष्कार करके ही आजाद होगी और सभी भारतीय उत्पादों का बहिष्कार करने की कोई जरूरत नहीं है."