IAS शाह फैसल ने बताया, निवेश से कारोबार तक... राजनीति से शिक्षा तक, कितना बदला कश्मीर?

Story by  ओनिका माहेश्वरी | Published by  onikamaheshwari | Date 05-05-2024
IAS Shah Faisal explained: From investment to business... from politics to education, how much has Kashmir changed?
IAS Shah Faisal explained: From investment to business... from politics to education, how much has Kashmir changed?

 

ओनिका माहेश्वरी/ नई दिल्ली

जम्मू-कश्मीर में आज से 5 साल पहले 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने अहम फैसला लेते हुए अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया था. बीते 5 सालों में जम्मू-कश्मीर में बहुत से बदलाव देखे गए हैं. ये बात आईएएस शाह फैसल ने न्यू इंडिया जंक्शन की एंकर अनन्या अवस्थी से खास बातचीत में कहीं.

शाह फैसल ने कुछ खास बिंदुओं पर प्रकाश डाला जिससे यह साफ प्रतीत होता है कि कश्मीर अब विकासशील है. वहां युवा तरक्की कर रहे हैं और घाटी में अमन और शांति का विस्तार हो रहा है. जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को 35 साल बाद मुहर्रम के जुलूस को निकालने की आजादी मिली. अब कश्मीर में लाल चौक पर रौनक देखते ही बनती है. लोग वहां एक साथ एकत्रित होकर खुशी मनाते हैं.
 
शाह फैसल बोले कि अब आतंकी घटनाओं और भड़काऊ नारेबाजी पत्थराव जैसी घटनाएं खत्म हो गई है. बीते 5 सालों में प्रदेश ने विकास की ओर उड़ान भरी है. कश्मीर पूरी तरीके से बदल चुका है. अब घाटी में सिर्फ सुंदरता और विकास नजर आता है.
 
तरक्की की राहों पर है कश्मीरी युवा
 
अपने खास इंटरव्यू में शाह फैसल कहते हैं कि पहले गूगल पर कश्मीरी यूथ सर्च करते थे तो आपको पत्थर बाजी, नारेबाजी और प्रोटेस्ट के अलावा कुछ नजर नहीं आता होगा. लेकिन आज कश्मीर का युवा बदल रहा है. वह शिक्षा ग्रहण कर रहा है.
 
और यही नहीं आगे अपने खुद के बिजनेस खोल रहा है. सोशल मीडिया पर कंटेंट पोस्ट करके वहां से भी अच्छी कमाई कर रहा है. आज कश्मीर में नए-नए स्टार्टअप्स खुल रहे हैं. बहुत से नए कैफेटेरिया खुल चुके हैं. सिनेमा घर खुल चुके हैं, जो की हाउसफुल रहते हैं. यही कश्मीर के युवाओं की असली तरक्की है. अब कश्मीर में काफी कुछ बदल चुका है.
 
विदेशी कर रहे हैं कश्मीर में इन्वेस्ट
 
आप कश्मीर के पास नई इंडस्ट्रियल पॉलिसी है जिससे निवेशकों को कश्मीर में इन्वेस्ट करने में आसानी होती है पिछले कई सालों में हमने करोड़ों का निवेश कश्मीर में और देश के बाहर देखा. विदेशी इन्वेस्टर्स का कश्मीर में अपनी रुचि दिखा रहे हैं हाल ही में कश्मीर में जी-20 सबमिट का होना इस बात का प्रतीक है जहां कई विदेशी मेहमानों ने घाटी का आनंद लिया और वहां के व्यवसायों को समझा. ऐतिहासिक तौर पर इस तरीके की व्यावसायिक तरक्की कश्मीर में हमने पहली बार देखी हालांकि अभी यह धरातल पर नजर नहीं आ रही लेकिन आने वाले वक्त में यह कश्मीर के लिए नए आयाम लेकर आएगा.
 
आयुष्मान भारत योजना और स्वस्थ कश्मीर
 
शाह फैसल कहते हैं कि आयुष्मान भारत योजना से हर कश्मीरी को 5 लाख का हेल्थ इंश्योरेंस मिलता है. जिससे कश्मीरी लोग स्वस्थ हैं, ऊर्जावान है और इस गोल्डन कार्ड से वे सभी अपनी हस्त-पुष्ट जीवन शैली अपनी जेब में लेकर घूमते हैं.
 
बाकी अन्य जगाहों पर सिर्फ बीपीएल कार्ड वाले लोगों यानी गरीबी रेखा से नीचे (BPL) वाले लोगों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिलता है. लेकिन कश्मीर में सभी के पास आयुष्मान भारत योजना का 5 लाख का इंश्योरेंस गोल्डन कार्ड के रूप में मौजूद है, जोकी कश्मीर में सबसे बड़े परिवर्तन को बताता है. अब कश्मीर के लोग डरते नहीं हैं, वह अपना इलाज इस लाभकारी योजना के कारण वक्त पर करवा पाते हैं.
 
faisal

कश्मीर में बढ़ता टूरिज्म

कश्मीर में लोलाब वैली,  बैंगल्स वैली और ऑफ रोड डेस्टिनेशंस काफी सारे हैं.जहां पर अब आम आदमी बिना किसी सुरक्षा गार्ड के घूमने जा सकता है और अपना क्वालिटी टाइम वहां बिता सकता है. कश्मीर एक बहुत ही खूबसूरत जगह है और इस बात में कोई शक नहीं की अब विदेशी भी कश्मीर के हर एक कोने-कोने को देखने के लिए बेताब है, आतुर है और हर साल पर्यटकों की संख्या कश्मीर में बढ़ती नजर आ रही है.
 
370 खत्म होने के बाद कश्मीर के लोग  खुश हैं
 
कश्मीर में आप कोई हिरासत में नहीं लिया जाता वहां आतंकवादी नहीं है वहां नारेबाजी नहीं है वहां अब कानून व्यवस्था है किसी परिवार को वहां से शिफ्ट नहीं करना पड़ता और यही कारण है कि कश्मीर के लोग अब खुश हैं.
 
पहले यहां केंद्र सरकार का कोई भी कानून लागू नहीं होता था, लेकिन अब केंद्र के सभी कानून यहां लागू किए जाते हैं. बंद और पथराव अब किसी को याद नहीं है. शिक्षण संस्थानों पर अब ताला नजर नहीं आता. किसी क्षेत्र में शिक्षण संस्थानों को जलाए जाने की वारदात भी अब बंद हो चुकी है.
 
जम्मू कश्मीर से धारा 370 खत्म होने के बाद यह विकास की राह पर चल पड़ा है. जम्मू-कश्मीर से दोहरी नागरिकता को भी समाप्त कर दिया गया. 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

A post shared by New India Junction (@nijunction)

जम्मू कश्मीर का भौगोलिक नक्शा तो बदला ही है. साथ ही निर्वाचन क्षेत्र की तस्वीर भी बदल गई है. जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के तहत जम्मू कश्मीर राज्य का बंटवारा कर दो केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख बनाया गया. जम्मू कश्मीर का अपना झंडा और अपना संविधान की व्यवस्था खत्म हो गई.