आवाज द वाॅयस /नागपुर
धार्मिक सद्भाव और सांप्रदायिक एकता को बढ़ावा देने के लिए, हजरत बाबा ताजुद्दीन की दरगाह पर "नागपुर सद्भावना शिखर सम्मेलन - एक भारत - श्रेष्ठ भारत" का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में देश और दुनिया के विभिन्न धर्मों के आध्यात्मिक नेताओं ने भाग लिया.
गौरतलब है कि इंडियन माइनॉरिटी फाउंडेशन दिल्ली ने हजरत बाबा ताजुद्दीन ट्रस्ट, नागपुर और चिश्ती फाउंडेशन - अजमेर शरीफ के सहयोग से इसका आयोजन किया था, जिसे नागपुर सद्भावना शिखर सम्मेलन - एक भारत - श्रेष्ठ भारत का नाम दिया गया था.
सम्मानित आध्यात्मिक नेताओं ने कहा कि उनका उद्देश्य विविध समुदायों के बीच शांति, एकता और समावेश को बढ़ावा देना है.राज्यसभा सांसद और आईएमएफ संयोजक सतनाम सिंह सिंधु ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम की अध्यक्षता की.
अपने संबोधन में उन्होंने जी-20 शिखर सम्मेलन जैसी अंतरराष्ट्रीय सभाओं के साथ समन्वय करके वैश्विक शांति और सहयोग को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया.
हजरत बाबा ताजुद्दीन की दरगाह पर जियारत
हाजी सैयद सलमान चिश्ती, गादी नशीन - दरगाह अजमेर शरीफ और अध्यक्ष चिश्ती फाउंडेशन ने सूफी शिक्षाओं के कालातीत ज्ञान पर प्रकाश डाला और मानवता की सेवा करने और शांति का संदेश फैलाने के महत्व पर जोर दिया.
उन्होंने कहा कि पूरे भारत में सूफी शख्सियतों और दरगाहों की विरासत पीढ़ियों पुरानी है.हमें सद्भाव और करुणा विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करता है.
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि दुनिया भारत की ओर देख रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की वैश्विक पहचान उनकी दूरदर्शिता का प्रमाण है.
हम सब एक हैं. सभी धर्मों के आध्यात्मिक गुरुओं ने एकता का संदेश दिया
नागपुर सद्भावना शिखर सम्मेलन हजरत बाबा ताजुद्दीन की पवित्र दरगाह की पृष्ठभूमि में आयोजित किया गया था, जो सूफी संतों द्वारा दिए गए प्रेम और सहिष्णुता के सार्वभौमिक संदेश का प्रतीक है.
सतनाम सिंह सिंधु ने पूरे भारत में सूफी दरगाहों के महत्व पर प्रकाश डाला, जो हिंदू, मुस्लिम, सिख, जैन, ईसाई, बौद्ध और पारसियों सहित विभिन्न धर्मों के लोगों के लिए आध्यात्मिकता के प्रतीक के रूप में काम करते हैं.
शिखर सम्मेलन से पहले, भारतीय अल्पसंख्यक फाउंडेशन ने करुणा और सद्भाव की शिक्षाओं के प्रति सम्मान और श्रद्धा के संकेत के रूप में हजरत बाबा ताजुद्दीन की दरगाह पर पुष्पमालाएं और फूल चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी.
कार्यक्रम के दौरान, उपस्थित लोगों ने सामूहिक रूप से पूरे भारत में एकता, शांति और सद्भाव और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए प्रार्थना की.
ताजाबाद ट्रस्ट के अध्यक्ष प्यारे जिया खान ने सूफी कॉरिडोर स्थापित करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल की सराहना की. जिसका उद्देश्य देशभर के सूफी धर्मस्थलों को जोड़ना है. उन्होंने सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत के इस महत्वपूर्ण पहलू को संबोधित करने वाले पहले नेता के रूप में प्रधान मंत्री मोदी की प्रशंसा की.
धार्मिक सद्भावना के लिए आयोजित इस आयोजन में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए
नागपुर सद्भावना शिखर सम्मेलन, एक भारत - श्रेष्ठ भारत ने एक सामंजस्यपूर्ण समाज को बढ़ावा देने में एकता, करुणा और पारस्परिक सम्मान की शक्ति की मार्मिक याद दिलाई.
जैसे-जैसे राष्ट्र विकास और समावेशन की दिशा में अपनी यात्रा जारी रखता है, ऐसी पहल शांति और समझ की संस्कृति को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.
मंच पर मौजूद गणमान्य लोगों में आईएमएफ की संस्थापक हिमानी सूद, अजमेर शरीफ दरगाह के संरक्षक हाजी सैयद सलमान चिश्ती, हजरत बाबा ताजुद्दीन ट्रस्ट के अध्यक्ष प्यारे जिया खान शामिल हैं.
उपाध्यक्ष, डॉ. सुरेंद्र जाचकर; सचिव ताज अहमद राजा, ट्रस्टी, हाजी फारुख भाई बावला, बिरजान रांडेलिया; हाजी इमरान खान, गजिंदरपाल सिंह लोहिया और मुस्तफा टोपीवाला शामिल थे.
कार्यक्रम के मुख्य बिंदु:
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मुख्य अतिथि: माननीय राज्यसभा सांसद और आईएमएफ संयोजक सतनाम सिंह सिंधु
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आयोजक: इंडियन माइनॉरिटी फाउंडेशन दिल्ली, हजरत बाबा ताजुद्दीन ट्रस्ट, नागपुर और चिश्ती फाउंडेशन - अजमेर शरीफ
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उद्देश्य: विविध समुदायों के बीच शांति, एकता और समावेश को बढ़ावा देना
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प्रमुख वक्ता: हाजी सैयद सलमान चिश्ती, गादी नशीन - दरगाह अजमेर शरीफ और अध्यक्ष चिश्ती फाउंडेशन
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मुख्य विषय: सूफी शिक्षाओं का कालातीत ज्ञान, मानवता की सेवा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की वैश्विक पहचान
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कार्यक्रम में:
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विभिन्न धर्मों के आध्यात्मिक गुरुओं ने एकता का संदेश दिया
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हजरत बाबा ताजुद्दीन की दरगाह पर पुष्पमालाएं और फूल चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी गई
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पूरे भारत में एकता, शांति और सद्भाव और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए प्रार्थना की गई
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सूफी कॉरिडोर स्थापित करने की प्रधानमंत्री मोदी की पहल की सराहना की गई
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कार्यक्रम का महत्व:
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यह कार्यक्रम विभिन्न धर्मों के बीच सद्भाव और एकता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है
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यह राष्ट्र में विकास और समावेशन को बढ़ावा देता है
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यह शांति और समझ की संस्कृति को बढ़ावा देता है
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उपस्थित गणमान्य व्यक्ति:
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आईएमएफ की संस्थापक हिमानी सूद
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अजमेर शरीफ दरगाह के संरक्षक हाजी सैयद सलमान चिश्ती
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हजरत बाबा ताजुद्दीन ट्रस्ट के अध्यक्ष प्यारे जिया खान
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उपाध्यक्ष, डॉ. सुरेंद्र जाचकर
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सचिव ताज अहमद राजा
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ट्रस्टी, हाजी फारुख भाई बावला, बिरजान रांडेलिया
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हाजी इमरान खान, गजिंदरपाल सिंह लोहिया और मुस्तफा टोपीवाला
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निष्कर्ष:
नागपुर सद्भावना शिखर सम्मेलन एक सफल कार्यक्रम था जिसने विभिन्न धर्मों के बीच सद्भाव और एकता को बढ़ावा दिया। यह एक सामंजस्यपूर्ण समाज बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
Additional Information:
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हाजी सैयद सलमान चिश्ती: अजमेर शरीफ दरगाह के गादी नशीन और चिश्ती फाउंडेशन के अध्यक्ष
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हजरत बाबा ताजुद्दीन: नागपुर में एक प्रसिद्ध सूफी संत
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इंडियन माइनॉरिटी फाउंडेशन: अल्पसंख्यक समुदायों के कल्याण के लिए काम करने वाला एक संगठन
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सूफी कॉरिडोर: देशभर के सूफी धर्मस्थलों को जोड़ने वाला एक प्रस्तावित मार्ग