आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
POK: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में सन्नाटा पसरा हुआ है. भारत की संभावित जवाबी कार्रवाई के डर से पाकिस्तान ने पीओके में सख्त नाकाबंदी लागू कर दी है. हालात इतने तनावपूर्ण हैं कि मदरसे बंद कर दिए गए हैं, होटलों को खाली कराया गया है और धार्मिक अजान जैसे कार्यों पर भी पाबंदी लगा दी गई है. स्थानीय प्रशासन ने लोगों को राशन और जरूरी दवाइयां इकट्ठा करने के निर्देश दिए हैं. इस समय POK को एक सैन्य क्षेत्र में तब्दील किया जा रहा है जहां नागरिक जीवन लगभग ठहर सा गया है. पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मदद की गुहार लगाते हुए भारत के संभावित हमले से बचने की कोशिश कर रहा है. लेकिन भारत के सुरक्षात्मक रवैये और दृढ़ संकल्प ने पाकिस्तान को भीतर से हिला दिया है.
भारत के जवाबी प्रहार की आशंका से खौफ में पाकिस्तान
पहलागाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को गहरा डर सता रहा है कि भारत इस बार सीमित कार्रवाई की जगह व्यापक सैन्य कदम उठा सकता है. रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि भारत अब आतंकी ठिकानों के साथ-साथ उनके पीछे खड़े पूरे नेटवर्क को खत्म करने की रणनीति पर काम कर रहा है. यही कारण है कि पाकिस्तान को डर है कि भारत POK में घुसकर कार्रवाई कर सकता है और इससे उसका इस इलाके पर से कब्जा भी खत्म हो सकता है.
POK में सुरक्षा व्यवस्था सख्त, नागरिकों की गतिविधियों पर रोक
पाकिस्तानी सेना ने POK में चौकसी बढ़ा दी है और पूरे क्षेत्र को सुरक्षा घेरे में ले लिया है. नागरिकों की आवाजाही पर निगरानी रखी जा रही है. हथियार चलाने की ट्रेनिंग तक दी जा रही है जिससे यह साफ संकेत मिलता है कि पाकिस्तान को किसी बड़े सैन्य संघर्ष की आशंका है. प्रशासन हर नागरिक से संयम बरतने और सुरक्षाबलों के निर्देशों का पालन करने को कह रहा है. इलाके के लोगों को पहले ही एडवाइजरी जारी कर दी गई है कि वे लंबे समय तक घरों में रहने की तैयारी करें. लोगों से कहा गया है कि वे राशन, दवाइयां और गैस सिलेंडर जैसे जरूरी सामान स्टॉक कर लें क्योंकि स्थिति किसी भी वक्त आपातकालीन हो सकती है. पाकिस्तान ने यह भी सुनिश्चित किया है कि जरूरी सामान सीमित समय के लिए हर गांव और कस्बे में पहुंचा दिया जाए.
मदरसों और धार्मिक स्थलों पर शिकंजा
POK में करीब 1000 से अधिक मदरसों को अचानक बंद कर दिया गया है. पाकिस्तान को डर है कि भारत इन स्थलों को आतंकी प्रशिक्षण केंद्र मानकर टारगेट कर सकता है. धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाए जा चुके हैं और अजान जैसे धार्मिक कार्यों पर भी सख्ती से रोक लगा दी गई है. यह पहली बार है जब धार्मिक गतिविधियों पर इस स्तर की पाबंदी देखी जा रही है, जो कि पाकिस्तान के भीतर फैले डर की गवाही देता है. POK में स्थित सभी होटल और गेस्ट हाउस बंद कर दिए गए हैं. कोई भी बाहरी पर्यटक या नागरिक इन क्षेत्रों में प्रवेश नहीं कर सकता. शादी समारोहों पर पाबंदी है और आतिशबाजी पर भी पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. प्रशासन ने किसी भी तरह की भीड़ को इकट्ठा होने से रोकने के लिए सख्त कदम उठाए हैं. यह माहौल युद्ध पूर्व जैसी तैयारियों की ओर इशारा करता है.
पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेचैनी
पाकिस्तानी सरकार ने सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, चीन और डेनमार्क जैसे देशों से बातचीत तेज कर दी है. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कूटनीतिक स्तर पर सक्रियता दिखाई है ताकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय से समर्थन मिल सके. चीन विशेष रूप से चिंतित है क्योंकि उसका आर्थिक गलियारा (CPEC) POK से होकर गुजरता है. चीन के अधिकारी लगातार पाक सेना के संपर्क में हैं.
भारत के पास POK को वापस लेने का ऐतिहासिक अवसर
भारत में इस समय राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व एकमत हैं कि POK पर निर्णायक कार्रवाई की जरूरत है. ऐसा माना जा रहा है कि पहलगाम हमले ने भारत को नैतिक और रणनीतिक आधार दे दिया है कि वह आतंक के अड्डों को खत्म करने के साथ-साथ POK पर अपना दावा और मजबूत करे. देशभर में इस पर व्यापक समर्थन है और सेना भी हर स्तर पर तैयार है.
क्या पाकिस्तान POK से हाथ धो बैठेगा
जिस इलाके को पाकिस्तान ने दशकों से जबरन अपने नियंत्रण में रखा हुआ है, अब वही इलाका उसके हाथ से फिसलता नजर आ रहा है. भारत के बढ़ते दबाव और सर्जिकल स्ट्राइक जैसे अनुभवों से पाकिस्तान को डर है कि यह बार सिर्फ कार्रवाई तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि परिणाम स्थायी हो सकते हैं. यही वजह है कि पूरे POK में डर का माहौल है और पाकिस्तान इस समय आंतरिक और बाहरी स्तर पर भारी दबाव में है.