Ethanol's contact with water causes problems, underground tanks at petrol pumps should be completely sealed: Expert
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
एथनॉल मिश्रित पेट्रोल के उपयोग से वाहनों में ‘माइलेज’ और अन्य समस्याओं को लेकर चर्चा के बीच क्षेत्र से जुड़े लोगों का कहना है कि इस ईंधन के जल में घुलनशील होने की विशेषता के कारण गाड़ियों में दिक्कतें आ सकती हैं. इससे निपटने के लिए अन्य बातों के अलावा पेट्रोल पंप पर स्थित भूमिगत ईंधन टैंक को पूरी तरह से सील करने की जरूरत है.
उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया पर कई वाहन मालिकों ने पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रित ईंधन को लेकर गाड़ियों को हो रहे नुकसान के बारे में लिखा है। बड़ी संख्या में आये ऐसे पोस्ट में कुछ लोगों ने कहा है कि इसके इस्तेमाल से वाहन के माइलेज में करीब सात प्रतिशत की गिरावट आई है जबकि कुछ लोगों ने इससे ई-10 वाहनों में रबड़, धातु कलपुर्जों के जल्द खराब होने की आशंका जताई है.
हालंकि पेट्रोलियम मंत्रालय ने इन बातों को सिरे से खारिज करते हुए पिछले सप्ताह बयान में कहा कि गन्ना या मक्का से निकाले गए 20 प्रतिशत एथनॉल और 80 प्रतिशत पेट्रोल के मिश्रण के राष्ट्रीय कार्यक्रम का उद्देश्य प्रदूषण कम करना और किसानों की आय बढ़ाना है.
ऑल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय बंसल ने कहा कि एथनॉल ईंधन का एक अच्छा विकल्प है लेकिन पानी में घुलनशील होने की इसकी विशेषता के कारण गाड़ियों में कुछ समस्याएं आ सकती हैं.
उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘जितने भी हमारे पेट्रोल पंप हैं, उनमें सब में अंडरग्रांउड टैंक हैं। टैंक में पानी नहीं जाए, उसके लिए उसे बेहतर तरीके से सील करना जरूरी है। पेट्रोल और डीजल टैंक में पानी जाने पर वह नीचे चला जाता है। एथनॉल मिश्रण वाले पेट्रोल में जितना एथनॉल है, अगर उसमें पानी आता है तो वह भी पानी बन जाता है। और अगर यह ईंधन गाड़ियों में जाएगा तो समस्याएं हो सकती है.