आवाज द वाॅयस / चंडीगढ़
चिश्ती फाउंडेशन के पंजाब चैप्टर ने चंडीगढ़ के विनहम द मोहाली क्लब में एक भव्य "हार्ट ऑफ हार्ट्स (सिना बा सिना)" इंटरफेथ समिट का आयोजन किया. इसका उद्देश्य विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच आपसी सम्मान और समझ को बढ़ावा देना था.
इस महत्वपूर्ण सभा में चंडीगढ़ और मोहाली के प्रतिष्ठित वक्ताओं और मेहमानों ने भाग लिया, जिन्होंने आध्यात्मिक मार्ग के माध्यम से विविधता में एकता का जश्न मनाया.इस मौके पर हाजी सैयद सलमान चिश्ती ने कहा, "सूफीवाद प्रेम और करुणा का मार्ग है.
यह हमें हमारे मतभेदों से ऊपर उठने और हर आत्मा में दिव्य प्रकाश को पहचानने के लिए सिखाता है. 'हार्ट ऑफ हार्ट्स' जैसे आयोजन हमें याद दिलाते हैं कि सभी आध्यात्मिक परंपराओं की मूल में एकता निहित है."
गोस्वामी सुशील जी महाराज ने कहा, "सच्ची आध्यात्मिकता सभी प्राणियों में दिव्य उपस्थिति की मान्यता में निहित है. हम समावेशिता और आपसी सम्मान की संस्कृति को बढ़ावा देकर शांति और सद्भाव में निहित समाज का निर्माण कर सकते हैं."
कर्म यशे रबगी (लामा जी) ने कहा, "करुणा और आंतरिक शांति एक सामंजस्यपूर्ण समाज की नींव हैं. बौद्ध धर्म की शिक्षाओं के माध्यम से, हम मानवता के अधिक से अधिक भले के लिए योगदान कर सकते हैं."
इस मौके पर श्री गुरमहेज सिंह गुरया ने कहा, "सार्वभौमिक भाईचारे के प्रति हमारी प्रतिबद्धता हमें ऐसे संवादों में भाग लेने के लिए प्रेरित करती है। समझ और सहयोग के माध्यम से ही हम स्थायी शांति प्राप्त कर सकते हैं."
अनिल सरवाल ने कहा, "शांति और न्याय द्वारा एकजुट दुनिया की दृष्टि सिर्फ एक सपना नहीं है; यह एक वास्तविकता है जिसे हम अपने साझा आध्यात्मिक मूल्यों और सामूहिक प्रयासों के माध्यम से एक साथ बना सकते हैं."
राम दीदी ने कहा, "आध्यात्मिक चेतना हमारी दुनिया में सद्भाव को बढ़ावा देने की कुंजी है. अपने विचारों और कार्यों को ऊंचा करके, हम एक अधिक शांतिपूर्ण और दयालु समाज का निर्माण कर सकते हैं."
मुख्य अतिथि सतनाम सिंह संधू ने चिश्ती फाउंडेशन की पहल की सराहना करते हुए कहा, "आज के समय में 'हार्ट ऑफ हार्ट्स' जैसे आयोजन अत्यंत महत्वपूर्ण हैं. सामाजिक प्रगति के लिए विभिन्न धर्मों के बीच समझ और सहयोग आवश्यक है। आध्यात्मिक एकता और विविधता के प्रति सम्मान के स्तंभों पर हमें अपने भविष्य का निर्माण करना चाहिए."
कार्यक्रम की विशेषताएँ
गहन वार्ताओं के बाद एक जीवंत प्रश्नोत्तर सत्र आयोजित किया गया, जिसमें खासतौर पर युवाओं ने भाग लिया. इस सत्र में आध्यात्मिक एकता, इंटरफेथ समझ, और शांति को बढ़ावा देने में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर चर्चा हुई.
यह यादगार आयोजन डिज़ाइनिस्टिक ग्रुप और डॉ. विशाल कालरा द्वारा प्रस्तुत किया गया था, जो चिश्ती फाउंडेशन के पंजाब चैप्टर के प्रमुख भी थे। समापन समारोह का संचालन श्री अभिषेक तिवारी ने किया.
इस आयोजन का समापन एक मेहफिल-ए-समा के साथ हुआ, जिसमें आफ्ताब कादरी घराना ने चिश्ती सूफी कव्वाली की प्रस्तुति दी. इस आत्मीय संगीत ने आध्यात्मिक अभिव्यक्ति के माध्यम से शाम की एकता के संदेश को और मजबूत किया. कार्यक्रम का समापन हाजी सैयद सलमान चिश्ती की प्रार्थनाओं और दुआ के साथ हुआ.
'हार्ट ऑफ हार्ट्स' कार्यक्रम, चिश्ती फाउंडेशन द्वारा पूरे भारत में आयोजित मासिक आयोजनों की एक श्रृंखला का हिस्सा है। अगला कार्यक्रम सितंबर में पुणे में आयोजित होगा, जिसे चिश्ती फाउंडेशन महाराष्ट्र चैप्टर द्वारा आयोजित किया जाएगा.