आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान रानी रामपाल को उम्मीद है कि महिला हॉकी इंडिया लीग (HIL) युवा लड़कियों के लिए ब्रिस्बेन में 2032 ओलंपिक और उसके बाद राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने का मंच तैयार करेगी. हाल ही में रोहतक में SAI मीडिया से बात करते हुए, रानी को लगता है कि महिला HIL का पहला संस्करण "आगे चलकर बड़ा धमाल मचाएगा", ठीक उसी तरह जैसे इंडियन प्रीमियर लीग के महिला संस्करण ने क्रिकेट के लिए किया था.
रांची में 12 से 26 जनवरी के बीच होने वाली पहली महिला हॉकी इंडिया लीग 2024-25 में चार टीमें शामिल हैं - दिल्ली एसजी पाइपर्स, ओडिशा वॉरियर्स, श्राची राढ़ बंगाल टाइगर्स और सूरमा हॉकी क्लब. रानी रामपाल पंजाब के सूरमा हॉकी क्लब की मेंटर और कोच के रूप में काम करेंगी. सहायक स्टाफ के रूप में यह उनका पहला कार्यकाल होगा. हरियाणा की 30 वर्षीय खिलाड़ी, जिन्होंने 250 से अधिक अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं, का मानना है कि HIL सही समय पर आया है, जब महिला हॉकी पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए क्वालीफाई न करने के बाद वापसी करने की कोशिश कर रही है. रानी ने SAI मीडिया से कहा, "इस बार भले ही चार टीमें हों, लेकिन लीग शुरू होने में काफी समय लग गया है.
हॉकी इंडिया को इसके लिए बधाई दी जानी चाहिए." उन्होंने कहा कि यह एक दिन राष्ट्रीय टीम को कोचिंग देने की दिशा में उनका पहला बड़ा कदम होगा. "पुरुष हॉकी टीम ने टोक्यो और पेरिस ओलंपिक में लगातार कांस्य पदक जीते, क्योंकि इसकी नींव सालों पहले पुरुष हॉकी इंडिया लीग द्वारा रखी गई थी. अब महिला HIL की शुरुआत की बदौलत, हम 2032 और 2036 ओलंपिक में कई प्रतिभाशाली युवा महिलाओं को अपना हुनर दिखाते हुए देख पाएंगे. यह मंच बेहद उपयोगी साबित होगा." HIL की शुरुआत 2013 में छह पुरुष टीमों के साथ हुई थी. इसे व्यावसायिक कारणों से बंद करने से पहले पांच साल तक खेला गया था. सात साल बाद इसे एक अतिरिक्त महिला लीग के साथ पुनर्जीवित किया गया.
महिला क्रिकेट की प्रमुखता के संदर्भ में महिला इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की सफलता को याद करते हुए, रानी ने कहा, "महिला क्रिकेट के बारे में कोई भी ज्यादा नहीं जानता था, लेकिन अब आप देख रहे हैं कि यह खेल देश में कितना लोकप्रिय हो गया है. महिला आईपीएल (डब्ल्यूपीएल) के माध्यम से, लोगों को इसके बारे में पता चला और वे इस खेल को कई गुना अधिक फॉलो करने लगे हैं."
हाल के वर्षों में भारतीय हॉकी के दो दिग्गजों - पीआर श्रीजेश और रानी रामपाल - के कोचिंग कार्यभार संभालने के साथ, रानी ने 'वॉल' श्रीजेश को भारतीय जूनियर हॉकी टीम के कोच के रूप में सफलता की शुभकामनाएं भी दीं.
रानी ने कहा, "श्रीजेश के पास लगभग 20 साल का अंतरराष्ट्रीय अनुभव है. जूनियर टीम बहुत अच्छा प्रदर्शन करेगी क्योंकि उन्हें पता चल जाएगा कि उच्च स्तर के दबाव की स्थिति में कैसे प्रदर्शन करना है." कोचिंग मानसिकता के बारे में बात करते हुए रानी ने कहा कि उनमें और श्रीजेश में कुछ चीजें समान हैं, "मैं महिला एचआईएल के दौरान युवाओं के साथ भी यही ज्ञान और अनुभव साझा करना चाहती हूं ताकि उन्हें भावनात्मक और मानसिक रूप से मदद मिल सके. हमें उनसे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करवाना होगा."