टेस्ट क्रिकेट से छेड़छाड़ की जरूरत नहीं, यह इकलौता प्रारूप है जो दूसरा मौका देता है: गिल

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 04-08-2025
There is no need to tamper with Test cricket, it is the only format that gives a second chance: Shubman Gill
There is no need to tamper with Test cricket, it is the only format that gives a second chance: Shubman Gill

 

लंदन

भारतीय कप्तान शुभमन गिल ने इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें टेस्ट में छह रन से मिली रोमांचक जीत के बाद टेस्ट क्रिकेट के पारंपरिक स्वरूप को बनाए रखने की बात कही है। उन्होंने कहा कि यह ऐसा इकलौता प्रारूप है जो खिलाड़ियों को दूसरा मौका देता है और इसमें जीत सबसे संतोषजनक होती है।

टेस्ट क्रिकेट पर फ्रेंचाइजी क्रिकेट के बढ़ते प्रभाव के चलते खतरे की आशंका जताई जा रही है, लेकिन इस श्रृंखला के सभी पांच मैच पांचवें दिन तक चले और बेहद रोमांचक रहे।

गिल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुस्कराते हुए कहा, "अगर टेस्ट मैच चार दिन के होते तो इस श्रृंखला के कम से कम चार मुकाबले ड्रॉ हो जाते।"

उन्होंने आगे कहा, "मेरे अनुसार टेस्ट क्रिकेट को जैसा है वैसा ही रहने देना चाहिए। यह सबसे अधिक चुनौतीपूर्ण और संतोष देने वाला प्रारूप है। यहां जीतने के लिए आपको सबसे ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इसकी खास बात यह है कि यह आपको हमेशा दूसरा मौका देता है — जो किसी भी अन्य प्रारूप में नहीं मिलता।"

"अगर आप मेहनत करते रहेंगे और सही दिशा में आगे बढ़ेंगे तो यहां वापसी का मौका हमेशा रहता है। इसलिए मुझे नहीं लगता कि इस प्रारूप में किसी तरह का बदलाव होना चाहिए," गिल ने जोड़ा।

बेन स्टोक्स ने भी बताया श्रृंखला को खास

कंधे की चोट के चलते ओवल टेस्ट से बाहर रहे इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने भी इस श्रृंखला को यादगार करार दिया।भारत और इंग्लैंड की प्रतिद्वंद्विता को एशेज से तुलना किए जाने पर उन्होंने कहा, "भारत और इंग्लैंड के बीच हमेशा से एक मजबूत प्रतिस्पर्धा रही है, भले ही इसके साथ एशेज जैसा कोई नाम न जुड़ा हो। यह हमेशा बड़ी श्रृंखला रही है और आगे भी रहेगी।"

उन्होंने कहा, "हर मैच में उतार-चढ़ाव रहे। कभी भारत का पलड़ा भारी रहा, तो कभी हमारा। इसका हिस्सा बनना एक खास अनुभव था। स्टोक्स ने इस श्रृंखला की तुलना 2023 में इंग्लैंड में हुई एशेज से की और कहा, "वह भी एक बहुत खास श्रृंखला थी, जैसे ये रही। ऐसे मुकाबलों का हिस्सा बनना हमेशा प्रेरणादायक होता है।"