नई दिल्ली. हाल के वर्षों में भारतीय महिला हॉकी टीम खेल के इतिहास में सबसे अच्छे दौर से गुजर रही है. अक्सर उच्चतम स्तर पर कमजोर पड़ने वाली भारतीय महिला हॉकी टीम ने लगातार बेहतर प्रदर्शन किया है, जिससे प्रशंसकों को बेहद खुशी मिली है. भारतीय टीम में सबसे कम उम्र की खिलाड़ियों में से एक सलीमा टेटे ने पिछले आधे दशक में टीम की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
'हॉकी ते चर्चा' के एपिसोड 30 में सलीमा टेटे ने अपनी यात्रा के बारे में बात की. सलीमा ने बताया कि बर्मिंघम में राष्ट्रमंडल खेलों 2022 से पहले टीम यह सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही थी कि वे बिना पदक जीते वापस नहीं लौटेगी. उन्होंने कहा, "एफआईएच हॉकी महिला विश्व कप स्पेन और नीदरलैंड 2022 में हमारे खराब अभियान के बाद, टीम का उद्देश्य और हमारा ध्यान बहुत स्पष्ट था. हम राष्ट्रमंडल खेलों में अच्छा प्रदर्शन करना चाहते थे और कोई अन्य विकल्प नहीं था. मुझे यकीन था कि भारत लौटने से पहले पदक हासिल करेगा."
सलीमा का मानना है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ खिलाड़ियों की मीटिंग से उन्हें काफी प्रेरणा मिली है. उन्होंने आगे कहा, "पीएम से मिलना मेरे जैसे किसी के लिए बहुत बड़ी बात थी. हम सभी का पीएम से मिलना, प्रेरणा का एक स्रोत है, ताकि हम कड़ी मेहनत करते रहें और अच्छे परिणाम हासिल करने की कोशिश करते रहें." उन्होंने कहा, "भारत के लिए खेलने से वास्तव में मेरी जिंदगी काफी बदल गई है. इसने मुझे वह सब कुछ दिया है जो मैं चाहती थी. मैं सिर्फ देश के लिए प्रदर्शन करना और अधिक मैच जीतना चाहती हूं."