रांची
भारतीय क्रिकेट की उभरती हुई युवा प्रतिभा वैभव सूर्यवंशी ने विजय हजारे ट्रॉफी में अपने असाधारण प्रदर्शन से क्रिकेट जगत का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। मात्र 14 वर्ष की उम्र में बिहार की ओर से खेलते हुए सूर्यवंशी ने अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ प्लेट ग्रुप के मुकाबले में 84 गेंदों पर 190 रनों की विस्फोटक पारी खेली। उनकी इस पारी में 15 शानदार छक्के और 16 चौके शामिल रहे।
सलामी बल्लेबाज के रूप में उतरे वैभव सूर्यवंशी ने शुरुआत से ही आक्रामक रुख अपनाया और अरुणाचल प्रदेश के गेंदबाजों को कोई मौका नहीं दिया। उन्होंने मैदान के चारों ओर आकर्षक शॉट लगाए और दर्शकों को अपने बेहतरीन स्ट्रोकप्ले से रोमांचित कर दिया। कमजोर माने जा रहे गेंदबाजी आक्रमण के खिलाफ सूर्यवंशी ने पूरे आत्मविश्वास के साथ बल्लेबाजी की और बड़े रिकॉर्ड अपने नाम किए।
सूर्यवंशी ने केवल 36 गेंदों में अपना शतक पूरा किया, जिससे वह लिस्ट ए क्रिकेट में सबसे तेज शतक लगाने वाले भारतीय बल्लेबाजों में दूसरे स्थान पर पहुंच गए हैं। भारत का यह रिकॉर्ड पंजाब के अनमोलप्रीत सिंह के नाम है, जिन्होंने 2024 में अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ ही 35 गेंदों में शतक जड़ा था। इस प्रारूप में सबसे तेज शतक का विश्व रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के जेक फ्रेजर-मैकगर्क के नाम दर्ज है, जिन्होंने 29 गेंदों में यह कारनामा किया था।
अपनी इस यादगार पारी के साथ सूर्यवंशी ने एक और उपलब्धि अपने नाम कर ली। वह लिस्ट ए क्रिकेट में शतक लगाने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए हैं। उनकी यह उपलब्धि भारतीय क्रिकेट के भविष्य के लिए बेहद सकारात्मक संकेत मानी जा रही है।
गौरतलब है कि सूर्यवंशी ने यह शानदार प्रदर्शन उस समय किया, जब वह यूएई में पाकिस्तान के खिलाफ अंडर-19 एशिया कप के फाइनल में मिली हार के केवल तीन दिन बाद मैदान पर उतरे थे। इसके बावजूद उन्होंने मानसिक मजबूती और तकनीकी दक्षता का शानदार प्रदर्शन किया।
क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि वैभव सूर्यवंशी की यह पारी उनके करियर की दिशा तय करने वाली साबित हो सकती है। इतनी कम उम्र में इस स्तर का आत्मविश्वास और आक्रामकता दिखाना उन्हें भारतीय क्रिकेट की सबसे बड़ी युवा उम्मीदों में शामिल करता है।