जयपुर
सात साल बाद विजय हजारे ट्रॉफी में मैदान पर लौटे रोहित शर्मा ने अपने ‘हिटमैन’ अंदाज में शानदार शतक जमाकर क्रिकेट प्रेमियों को क्रिसमस की पूर्व संध्या पर यादगार तोहफा दिया। सवाई मानसिंह स्टेडियम में करीब 20,000 दर्शक जमा थे, और सभी की नजरें सिर्फ एक खिलाड़ी पर थीं – रोहित शर्मा।
रोहित ने 93 गेंदों में 155 रन बनाकर अपने करियर का 37वां लिस्ट-ए शतक पूरा किया। उनकी इस पारी में पूल शॉट्स, हवाई शॉट्स और स्वीप शॉट्स ने दर्शकों का मन मोह लिया। बल्ले से निकले 18 चौके और नौ छक्के दर्शकों को रोमांचित करने के लिए काफी थे।
स्टेडियम सुबह से ही लगभग 80 प्रतिशत भरा हुआ था। लोग नौकरी से छुट्टी लेकर और छात्र कॉलेज छोड़कर मैदान में पहुंचे। दर्शक ‘मुंबईचा राजा रोहित शर्मा’ और ‘दाल बाटी चूरमा, रोहित शर्मा सूरमा’ के नारे लगाते रहे। जब पता चला कि मुंबई फील्डिंग कर रही है, तो सभी की दुआ थी कि सिक्किम की टीम जल्दी आउट हो जाए, ताकि रोहित की बल्लेबाजी का आनंद लिया जा सके।
सिक्किम की टीम ने सात विकेट पर 236 रन बनाए। मुंबई की पारी शुरू होते ही दर्शक खेल विकास परिषद की इमारत की छतों पर भी चढ़ गए। रोहित ने जैसे ही स्क्वेयर में पहला शॉट खेला, पूरे स्टेडियम में शोर गूंज उठा।
उन्होंने सिक्किम के अनुभवहीन गेंदबाजों के सामने 62 गेंद में शतक और 91 गेंद में 150 रन पूरे किए। अंततः वह क्रांति कुमार की गेंद पर विकेट के पीछे कैच देकर आउट हुए।
इस पारी ने न सिर्फ उनके प्रशंसकों को रोमांचित किया बल्कि यह भी दिखाया कि रोहित शर्मा का क्लास और अनुभव अभी भी बरकरार है। बीसीसीआई के निर्देश, राष्ट्रीय चयनकर्ताओं के सामने खुद को साबित करने की चाह या स्टार संस्कृति के संदर्भ से परे, यह दिन केवल उनके फैंस के लिए यादगार साबित हुआ।