पाकिस्तानी क्रिकेट के पतन के पीछे अत्यधिक टी20 और ढेर सारा पैसा है: जहीर अब्बास

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 02-10-2024
Too much T20 and too much money is behind the downfall of Pakistani cricket: Zaheer Abbas
Too much T20 and too much money is behind the downfall of Pakistani cricket: Zaheer Abbas

 

अजमान (यूएई). एशियाई ब्रैडमैन का खिताब पाने वाले पाकिस्तान के दिग्गज बल्लेबाज जहीर अब्बास का कहना है कि पाकिस्तान में क्रिकेट की दुर्दशा अत्यधिक टी20 क्रिकेट और इसके कारण वहां बहुत अधिक पैसा बहने का नतीजा है.

बाही अजमान पैलेस में आयोजित एशिया के सबसे बड़े क्रिकेट टॉक शो- क्रिकेट प्रेडिक्टा के 100वें एपिसोड का जश्न मनाने के लिए आयोजित क्रिकेट प्रेडिक्टा कॉन्क्लेव नामक कार्यक्रम के दौरान जहीर अब्बास ने कहा कि आजकल पाकिस्तान में बहुत अधिक टी20 क्रिकेट खेला जा रहा है और इसी वजह से खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट का सार भूल गए हैं और यही वजह है कि पाकिस्तान टेस्ट क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहा है.

अब्बास ने कहा कि क्रिकेट में इतना पैसा आ गया है कि खिलाड़ी इन दिनों केवल पैसा कमाने में व्यस्त हैं और उनका ध्यान खेल से पूरी तरह हट गया है.

जहीर ने कहा कि पाकिस्तान में क्रिकेट का यही दुर्भाग्य है कि इसे चलाने वाले ही क्रिकेट को नहीं जानते.

जहीर ने कहा,''हमने पाकिस्तान क्रिकेट को बहुत ऊंचाई पर पहुंचाया है. पूरी दुनिया पाकिस्तान क्रिकेट की मुरीद थी, लेकिन आज स्थिति बदल गई है, क्योंकि जो लोग आज क्रिकेट को चला रहे हैं, उन्हें सिर्फ अपनी चिंता है और उन्हें क्रिकेट या खिलाड़ियों की कोई चिंता नहीं है.''

अगले साल पाकिस्तान में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भारतीय टीम के पाकिस्तान दौरे पर भी जहीर ने अपने विचार व्यक्त किए. उन्होंने कहा कि भारतीय टीम को पाकिस्तान का दौरा करना चाहिए, क्योंकि इससे भारतीय उपमहाद्वीप, खासकर पाकिस्तान में क्रिकेट को बढ़ावा मिलेगा.

उन्होंने कहा, “हम क्रिकेट के लिए सर्वश्रेष्ठ चाहते हैं. अगर भारत पाकिस्तान में आकर खेलता है, तो यह क्रिकेट के लिए बहुत अच्छा होगा, क्योंकि भारतीय टीम क्रिकेट की बेहतरीन राजदूत है और उनका पाकिस्तान में आकर खेलना सकारात्मक बात होगी और इससे पाकिस्तान में क्रिकेट को आगे ले जाया जा सकेगा.”

खुद एक महान बल्लेबाज होने के बावजूद जहीर अब्बास का मानना है कि वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान सर गैरी सोबर्स उनकी नजर में दुनिया के सबसे महानतम क्रिकेटर हैं.

उन्होंने कहा, “जब मैं क्रिकेट खेलता था, तो मेरा सपना गैरी सोबर्स जैसे खिलाड़ियों के साथ खेलना था और जब 1971-72 में मेरा चयन विश्व एकादश में हुआ, तो गैरी मेरे कप्तान थे. यह जानकर मुझे इतनी खुशी हुई कि मेरे लिए इसे व्यक्त करना मुश्किल था.”

उल्लेखनीय है कि नवंबर 1971 की शुरुआत से फरवरी 1972 की शुरुआत तक विश्व एकादश ने 16 मैच खेले. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच मैच ऐसे थे जिन्हें विजडन में आधिकारिक टेस्ट मैच माना जाता था, हालांकि बाद में यह दर्जा वापस ले लिया गया. विश्व एकादश ने यह सीरीज 2-1 से जीती.

जहीर के मुताबिक गैरी न केवल एक बेहतरीन क्रिकेटर और बेहतरीन कप्तान थे, बल्कि एक बेहतरीन इंसान भी थे.

ज़हीर ने एक बेहद दिलचस्प घटना का भी जिक्र किया. 1978 में फैसलाबाद में जब वे भारत के खिलाफ टेस्ट मैच में 96 रन पर बल्लेबाजी कर रहे थे, तो कप्तान बिशन सिंह बेदी ने सुनील गावस्कर से गेंदबाजी कराने का फैसला किया. ज़हीर ने कहा, “गावस्कर को बोलिंग के लिए आता देख मुझे लगा कि मेरे लिए खेलना जारी रखना मुश्किल होगा क्योंकि गावस्कर के खिलाफ खेलना उनके लिए आसान नहीं था.”

किरमानी, जिन्हें ज़हीर सबसे चतुर क्रिकेटरों में से एक मानते थे, विकेट के पीछे खड़े थे. ज़हीर ने कहा, “ मैंने उनसे पूछा कि कप्तान ने गावस्कर को गेंद क्यों दी? किरमानी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. फिर मैंने खुद कहा,''यह बहुत बड़ी गड़बड़ है. मैं उसे गंभीरता से नहीं लूंगा और वह मुझे आउट कर देगा. अगर वह अच्छा गेंदबाज़ होता, तो मैं उसे गंभीरता से लेता और हुआ यह कि मैंने शॉट खेला और वह हवा में चला गया और मैं कैच हो गया.”

वह सुनील गावस्कर का अंतरराष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट में पहला और एकमात्र विकेट था. गावस्कर ने बहुत बाद में यह भी बताया था कि उन्होंने सिर्फ़ एक टेस्ट विकेट लिया और वह भी दुनिया के महानतम टेस्ट बल्लेबाज़ों में से एक ज़हीर अब्बास का और उन्हें अपने पहले टेस्ट विकेट पर हमेशा गर्व रहेगा. 

 

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