लंदन
इंग्लैंड के दिग्गज तेज़ गेंदबाज़ जेम्स एंडरसन ने अपने शानदार 21 वर्षीय अंतरराष्ट्रीय करियर के दौरान भारत के दो महान बल्लेबाज़ों—सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली—के खिलाफ गेंदबाज़ी का भरपूर आनंद उठाया. हालांकि, उन्होंने यह स्वीकार किया कि कोहली को गेंदबाज़ी करना कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण रहा.
2003 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने वाले एंडरसन ने हाल ही में क्रिकेट को अलविदा कहा. इस दौरान उन्होंने सचिन को 9 और कोहली को 7 बार आउट किया, लेकिन उनके मुताबिक कोहली के खिलाफ की गई गेंदबाज़ी एक मानसिक और तकनीकी लड़ाई की तरह थी.
'कोहली ने खुद को पूरी तरह बदल लिया था'
एंडरसन ने 'टॉकस्पोर्ट' को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “कोहली जब पहली बार 2014 में इंग्लैंड आए थे, तब मुझे उनके खिलाफ काफी सफलता मिली. ऑफ स्टंप के बाहर की गेंद उनकी कमजोरी थी और मैंने इसका पूरा फायदा उठाया.लेकिन जब 2018 में दोबारा आमना-सामना हुआ, तो वह बिल्कुल बदले हुए खिलाड़ी नजर आए. ऐसा लगा जैसे किसी नए बल्लेबाज़ के सामने गेंदबाज़ी कर रहा हूं.”
'तेंदुलकर के साथ वर्चस्व की लड़ाई नहीं थी'
एंडरसन ने बताया कि तेंदुलकर और कोहली के साथ मुकाबले का अनुभव अलग था. “सचिन के खिलाफ मुझे कभी ऐसा नहीं लगा कि हम वर्चस्व की लड़ाई में हैं. वह हमेशा शांत रहते थे, बेहद संयमित और सौम्य थे.
जबकि कोहली मैदान पर अपने जज़्बातों को खुलकर दिखाते थे. वह जंग लड़ने के लिए हमेशा तैयार रहते थे और चाहते थे कि सामने वाला भी यह बात जान ले.”
'विराट अधिक मुखर, सचिन शांत
एंडरसन ने आगे कहा, “कोहली एक आक्रामक खिलाड़ी हैं, उनकी बॉडी लैंग्वेज, उनके जश्न मनाने का अंदाज़, सबकुछ बहुत जोशीला होता है. कप्तान के रूप में भी वे बेहद जुनूनी रहे। वहीं तेंदुलकर शांत और विनम्र स्वभाव के थे. उनके खिलाफ गेंदबाज़ी करते वक्त कभी ऐसा तनाव महसूस नहीं होता था, जैसा कोहली के साथ होता था.”
42 वर्षीय एंडरसन फिलहाल काउंटी क्रिकेट खेल रहे हैं, लेकिन कोहली और तेंदुलकर के खिलाफ अपनी ऐतिहासिक टक्कर को वे करियर की यादगार उपलब्धियों में गिनते हैं.