आवाज द वाॅयस /अहमदाबाद
"ई साला कप नामदे!" — यह नारा आखिरकार हकीकत बन गया. भारतीय क्रिकेट के सबसे चर्चित और रोमांचक अध्यायों में से एक मंगलवार की रात अपने अंजाम को पहुंचा, जब रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू (RCB) ने पंजाब किंग्स को रोमांचक फाइनल में 6 रन से हराकर पहली बार इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) का खिताब अपने नाम किया.
यह जीत न सिर्फ एक ट्रॉफी का हासिल होना था, बल्कि विराट कोहली के 18 वर्षों के समर्पण, संघर्ष और अधूरे सपनों की परिणति थी। जैसे ही आखिरी गेंद डाली गई और पंजाब का स्कोर लक्ष्य से पीछे रह गया, विराट मैदान पर घुटनों के बल बैठ गए. आंखों से बहते आंसू करोड़ों आरसीबी प्रशंसकों के आंसुओं से मिलकर इतिहास का प्रतीक बन गए.
अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले गए इस मुकाबले में RCB ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 9 विकेट पर 190 रन बनाए। विराट कोहली ने 35 गेंदों पर 43 रन की महत्वपूर्ण पारी खेली। यह पारी बड़ी नहीं थी, लेकिन बड़े मैचों में अनुभव और धैर्य का यह प्रदर्शन टीम को संबल देने के लिए काफी था.
कप्तान कृणाल पंड्या की अगुवाई में गेंदबाजों ने पंजाब किंग्स को लक्ष्य से 6 रन दूर रोक दिया. पंड्या ने 17 रन देकर दो विकेट लिए और अपनी कप्तानी की कुशलता से मैच को पूरी तरह आरसीबी के पक्ष में मोड़ दिया.
जब पंजाब को आखिरी ओवर में 29 रन चाहिए थे, तो गेंदबाज जोश हेजलवुड ने शानदार संयम और रणनीति का प्रदर्शन किया. श्रेयस अय्यर का विकेट, जिसे रोमारियो शेफर्ड ने लिया, मैच का निर्णायक मोड़ बन गया. इसके बाद पंजाब की उम्मीदें शशांक सिंह (61 रन, 30 गेंद) के अकेले प्रयास तक ही सीमित रह गईं.
The king didn’t just lift the trophy. He lifted every RCB and #ViratKohli𓃵 fan’s soul!#RCBvsPBKS #IPLFinals #IPL2025Final pic.twitter.com/Bd4W4Ty6ki
— Hemant Batra (@hemantbatra0) June 3, 2025
विराट कोहली, जो 2008 से इस टीम का हिस्सा रहे हैं और जिनका नाम आईपीएल इतिहास से जुड़ा हुआ है, आखिरकार वह मुकाम हासिल कर सके जिसे पाने का सपना उन्होंने बार-बार देखा. कोहली ने कहा,“यह सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं है, यह 18 सालों की मेहनत, विश्वास और हार के बाद मिली पहचान है.”
उनके साथ मैदान पर मौजूद रहे एबी डिविलियर्स और क्रिस गेल, जो खुद RCB के ऐतिहासिक सितारे रहे हैं, इस पल के गवाह बने.
पंजाब किंग्स की ओर से केवल शशांक सिंह ही संघर्ष करते दिखे। उनके अलावा किसी बल्लेबाज ने 30 का आंकड़ा नहीं छुआ. इंगलिस ने जरूर 39 रन बनाए, लेकिन पंड्या की रणनीति ने उन्हें भी फंसाया। भुवनेश्वर सिंह के एक ओवर में दो विकेट ने पंजाब की उम्मीदों को करारा झटका दिया.
तीन बार उपविजेता बनने के बाद, बार-बार हारी उम्मीदों और ट्रोल्स का सामना करने के बाद, RCB ने यह जीत हासिल की है. यह सिर्फ क्रिकेट की जीत नहीं, यह संघर्ष, समर्पण और विश्वास की जीत है.
यह जीत उन लाखों फैंस की भी है जिन्होंने हर साल सोशल मीडिया पर “ई साला कप नामदे” ट्रेंड कराया. अब यह सिर्फ एक नारा नहीं, इतिहास की गूंज बन गया है.
विराट कोहली: 35 गेंद, 43 रन
आरसीबी स्कोर: 190/9
पंजाब स्कोर: 184/8
पंड्या: 4 ओवर, 17 रन, 2 विकेट
शशांक सिंह: 61 रन (30 गेंद)
मैन ऑफ द मैच: कृणाल पंड्या